होम्योपैथिक स्वचिकित्सा

मोटापे का होम्योपैथिक उपचार

मोटापे का होम्योपैथिक उपचार शरीर की सुंदरता उसका बाह्य रूप ही होता है । स्फूर्तिला या फूर्तिला व्यक्तित्व, विशाल रूप आदि माता-पिता की ही देन (आनुवंशिक) है, पर उसका खयाल हर इंसान को स्वयं ही करना होगा। यदि एक बार किसी शरीर में वसा (चरबी) बढ़ना शुरू गया तो सुस्त जीवन शैली व अत्यधिक वसायुक्त […]

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माहिलाओं की समस्याओं का होम्योपैथिक उपचार

माहिलाओं की समस्याओं का होम्योपैथिक उपचार श्वेत प्रदर – Leucorrhoea प्रदर स्त्रीरोग संबंधी परेशानी है। प्रदर कई रंग का होता है, आम तौर पर सफेद जो कि गर्भाशय या उसके मुँह व कवर की आंतरिक सतह से आता है। महिलाएँ व अस्वस्थ युवतियों को यह समस्या रहती है। यदि इसे नकारा जाए तो प्रदर पीपदार

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प्रोस्टेट ग्रंथि, यू.टी.आई. का होम्योपैथिक उपचार

प्रोस्टेट ग्रंथि, यू.टी.आई. का होम्योपैथिक उपचार प्रोस्टेट ग्रंथि की बीमारियां प्रोस्टेट ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में होती है। महिलाओं में यह ग्रंथि नहीं पाई जाती है। यह मूत्राशय के नीचे, सामान्यतः अखरोट के आकार की होती है। इस ग्रंथि का कार्य यह है कि यह एक द्रव पदार्थ स्रावित करता है, जिसमें संभोग के समय शुक्राणु

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संवेदनशून्यता, कामजोरी, रक्तचाप का होम्योपैथिक उपचार

संवेदनशून्यता, कामजोरी, रक्तचाप का होम्योपैथिक उपचार शरीर के किसी भी भाग में संवेदना न महसूस हो तो इसे नमनेस या असंवेदनशीलता कहते हैं। आम भाषा में इसे हाथ, पैर या शरीर का कोई अंग सो गया है, ऐसा कहा जाता है । कोई इंसान जब लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठता या खड़ा

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मुँहासे, मस्से, फोडे, खुजली, रुसी का होम्योपैथिक उपचार

मुँहासे, मस्से, फोडे, खुजली, रुसी का होम्योपैथिक उपचार मुँहासे ऍक्ने यानी मुँहासे जो चेहरे, गले, कंधों या पीठ पर निकलते हैं। त्वचा में मौजूद तैलिय ग्रंथियाँ जब ज़्यादा सक्रीय होती हैं तब पीबयुक्त, दानेदार मुँहासे निकलने लगते हैं। मुँहासे निकलने का कारण है, युवा अवस्था की शुरुआती दौर में सेक्स हॉर्मोन्स का सामान्य रूप से

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टाँगों में मरोड़, वैरिकोज वेंस का होम्योपैथिक उपचार

टाँगों में मरोड़, वैरिकोज वेंस का होम्योपैथिक उपचार टाँगों में मरोड़ या ऐंठन (Cramps in Legs) यह टाँगों की मांसपेशियों में बहुत ही दर्दनाक स्थिति है, इसमें टाँगों की मांसपेशियाँ मरोड़ या जकड़ जाती हैं। मांसपेशियों में अचानक से आए संकुचन से अत्यधिक दर्द होता है, जिससे मरीज़ रोने की स्थिति में आ जाता है।

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गरदन दर्द, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का होम्योपैथिक उपचार

गरदन दर्द, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का होम्योपैथिक उपचार गरदन में दर्द व अकड़न लोगों की आम परेशानी है। इस स्थिति में गरदन के आस-पास की मांसपेशियों में दर्द, सुबह-सुबह गरदन की मांसपेशियाँ अकड़ जाती हैं। ज़्यादातर गर्दन का दर्द सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस की वजह से होता है। मगर यह सिर्फ एक कारण से नहीं बल्कि अनेक कारणों

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कमरदर्द, पीठदर्द का होम्योपैथिक उपचार

कमरदर्द, पीठदर्द का होम्योपैथिक उपचार कमर दर्द को कटिवात (लूम्बेगो) भी कहा जाता है। जैसे नाम सूचित करता है यह कमरदर्द, जो अक्सर पीठ के निचले हिस्से में पाया जाता है। कई बार मरीज़ बता नहीं पाता कि पीठ पर निश्चित किस स्थान पर दर्द हो रहा है। मगर फिर भी उसे दर्द का एहसास

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आमवात, गठिया, जोड़ दर्द का होम्योपैथिक उपचार

आमवात, गठिया, जोड़ दर्द का होम्योपैथिक उपचार जोडों के कई तरह के रोग होते हैं, जैसे अस्थिसंधिशोथ (arthritis), संधिशोथ या आमवात (rheumatism), गठिया वात (gout) आदि। एक आम आदमी के लिए इन रोगों के कुछ आम लक्षण हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, ऐंठन और सीमित गतिविधि । आमवात बहुत दीर्घकालिक अवधि का रोग है मगर

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मुँह के छाले, दांत दर्द, पायरिया का होम्योपैथिक उपचार

मुँह के छाले, दांत दर्द, पायरिया का होम्योपैथिक उपचार मुँह के छाले मुँह के छाले मुँह के भीतर बदसूरत दिखनेवाले छोटे, पीले या सफेद फोड़े-फुंसी की तरह घाव है। ये छाले एक-दो या जीभ पर समूह में, जीभ के निचले भाग पर, गाल के अंदर, तालू पर और होंठो के अंदरूनी हिस्से पर हो सकते

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