आमवात, गठिया, जोड़ दर्द का होम्योपैथिक उपचार

आमवात, गठिया, जोड़ दर्द का होम्योपैथिक उपचार

जोडों के कई तरह के रोग होते हैं, जैसे अस्थिसंधिशोथ (arthritis), संधिशोथ या आमवात (rheumatism), गठिया वात (gout) आदि।

एक आम आदमी के लिए इन रोगों के कुछ आम लक्षण हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, ऐंठन और सीमित गतिविधि । आमवात बहुत दीर्घकालिक अवधि का रोग है मगर यहाँ उसका संक्षिप्त में विवरण दिया गया है ताकि रोगी को प्राथमिक चिकित्सा दी जा सके। रोगी को उसके शारीरिक लक्षणों के अनुसार औषधि देने से कुछ हद तक दर्द में आराम मिलेगा परंतु रोगी के सही उपचार के लिए होमियोपैथिक चिकित्सक से ही संपर्क करें ।

उपचार

  • उँगलियाँ, हाथ और पैरों के जोड़ों में दर्द, माहवारी के समय या मासिक धर्म बंद होने के समय (menopause) अधिक दर्द – कोलोफाइलम Q की 10 बूँदे आधे कप पानी में, दिन में तीन बार, सात दिन तक लें।
  • आराम करते समय और ठंढ के प्रभाव में तकलीफ अधिक एवं गतिविधि (चलने-फिरने) से आराम – रस टॉक्स 200 की एक खुराक सुबह खाली पेट लें और तीन दिन तक इंतज़ार करें। यदि दर्द में आराम है तो इसी औषधि की एक खुराक चार दिन के बाद लें। उसके बाद हर सप्ताह एक खुराक चार सप्ताह तक लें।

यदि तीन दिन दवा लेने के बाद भी कोई आराम नहीं आता है तो होमियोपैथिक चिकित्सक से संपर्क करें या यदि निम्नलिखित बताई गई दवा के लक्षण मिलते हैं तो उस दवा का प्रयोग करें।

  • यदि रस टाक्स काम न करे और ठंढ से तकलीफ बढ़े तथा गतिविधि से तकलीफ कम हो – कॅल्केरिया कार्बोनिका 200 की एक खुराक सुबह खाली पेट लें और तीन दिन तक इंतज़ार करें और इसे उपरोक्त विधि अनुसार लें।
  • जोड़ों में सूजन के साथ दर्द और गतिविधि से दर्द में बढ़ोतरी – ब्रायोनिया 200 की एक खुराक सुबह खाली पेट लें और तीन दिन तक इंतज़ार करें। यदि दर्द में आराम है तो इसी औषधि की एक खुराक चार दिन के बाद लें। उसके बाद हर सप्ताह एक खुराक चार सप्ताह तक लें। यदि तीन दिन दवा लेने के बाद भी कोई आराम नहीं मिलता है तो होमियोपैथिक चिकित्सक से संपर्क करें या यदि निम्नलिखित बताई गई दवा के लक्षण मिलते हैं तो उस दवा का प्रयोग करें।
  • लंबी हड्डियों में दर्द – कॉस्टिकम 200 की एक खुराक सुबह खाली पेट लें और तीन दिन तक इंतज़ार करें और इसे उपरोक्त विधि अनुसार लें।
  • चोट लगने के कारण लंबी हड्डियों में दर्द या आँख में दर्द के लक्षण – रूटा 30, दिन में तीन बार सात दिन तक लें।
  • लंबी हड्डियों में दर्द, कूल्हे के जोड़ में दर्द, गतिविधि से दर्द में आराम – एसिड फास 200 की खुराक सुबह खाली पेट लें और तीन दिन तक इंतज़ार करें। यदि दर्द में आराम है तो इसी औषधि की एक खुराक चार दिन के बाद लें। उसके बाद हर सप्ताह एक खुराक चार सप्ताह तक लें। यदि तीन दिन दवा लेने के बाद भी कोई आराम नहीं आता है तो होमियोपैथिक चिकित्सक से संपर्क करें या यदि निम्नलिखित बताई गई दवा के लक्षण मिलते हैं तो उस दवा का प्रयोग करें।
  • चौड़ी मांसपेशियों में दर्द, रात में और नम मौसम में दर्द ज़्यादा – सिमिसिफ्यूगा सीमोस 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द नीचे की ओर जाकर, हाथ-पैरों के बड़े भाग पर असर करता है- कॅलमिया लॅटीफोलिया 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • पैर के अँगूठे में दर्द और जोड़ों में सूजन, दर्दयुक्त जख्म, गरमाहट में दबाव से और गतिविधियों से दर्द ज़्यादा और दर्द ऊपर की ओर जाता है – लीडम पाल 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द रात के समय, आराम करते समय और गर्मी में बढ़ता है और ठंढ से, खुली हवा में, गतिविधियाँ करने से दर्द में आराम -पल्सेटिला 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • चोट तथा मोच के कारण होनेवाला दर्द, जिसमें उसे छूना भी बरदाश्त नहीं होता – अर्निका 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • जोड़ों में दर्द और सूजनयुक्त गाँठें – ग्वायाकम 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • गठिया के दर्द के साथ दुर्गंधयुक्त पेशाब – एसिडम बेंजोइकम 30, दिन में 3 बार, सात दिन तक लें।
  • गठिया की तकलीफ के साथ लाल रंग का पेशाब – लाइकोपोडियम 200, हर तीसरे दिन एक खुराक, कुल तीन खुराक लें।
  • जोड़ों की हड्डियों का बढ़ना, आराम करने और आँधी आने से दर्द बढ़ना रोडोडेन्ड्रॉन 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • गठिया के दर्द के साथ यूरिक एसिड बढ़ा हुआ – अर्टिका यूरेन्स Q, दस बूँद आधे कप पानी में, तीन बार, सात दिन तक लें।
  • आमवात/गठिया वात से जोड़ों का विकृत (टेढ़ा) होना, खास तौर पर उँगलियाँ पिक्रीकम एसिडम 200 की एक खुराक सप्ताह में एक बार, तीन सप्ताह तक लें।
  • जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द, संवेदनहीनता (numbness) के साथ – कमोमिला 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • शरीर में दर्द तिरछा होता है, दायाँ हाथ और बायाँ पैर, संवेदनहीनता और ठंढ महसूस होना – अगॅरिकस 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें ।
  • बिजली के करंट जैसा दर्द, नम मौसम में अधिक, गरमाहट से दर्द में आराम – फाइटोलक्का 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • जोड़ों का दर्द, आमवात, कपड़े धोने के बाद अधिक – सेपिया 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द छूने से बढ़ता है और जब शरीर से अत्यावश्यक द्रव (तरल पदार्थ) कम हो जाते हैं – चाइना 30, दिन में 3 बार, सात दिन तक लें।
  • एड़ियों में दर्द, उन पर अधिक वजन रखने से आराम बरबेरिस वल्गेरिस 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द एड़ियों और पैरों के उँगलियों में सूजन, ठंढ, अकड़न, बुखार जैसा लगना कोल्चिकम 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • कोहनी से हाथ तक दर्द, गरमाहट से आराम, पीठ में दर्द एस्क्यूलस 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • बाहों से उँगली तक दर्द – चेलीडोनियम मेजस 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द बाँह से कोहनी तक या अँगूठे से कोहनी तक कॅल्केरिया सल्फ्यूरिका 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • बाईं कोहनी में दर्द – जेल्सेमियम 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दाईं कोहनी में दर्द – ऑक्सलिक ऍसिड 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द कूल्हों (कमर) से दाईं तरफ की घुटनों तक सूजन के साथ काली कार्बोनिका 200 की मात्र एक खुराक लें, तीन दिन तक रुकें।
  • छाती व पसलियों में दर्द – ब्रायोनिआ 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द अपनी जगह बदलता रहता है – पल्सेटिला 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • जिस करवट लेटते हैं, उस हिस्से में दर्द – फाइटोलक्का 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • जाँघों में दर्द – रस टॉक्सीकोडेन्ड्रॉन 200, दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • जाँघों के नीचे दर्द – फाइटोलक्का 200 दिन में दो बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द अचानक से आता है और एकदम से चला जाता है – बॅलाडोना 30, दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।
  • दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और धीरे-धीरे ही कम होता है – स्टॅन्नम मेटॅलिकम 30, दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।
  • पिंडलियों में दर्द – लैकेसिस 200, दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।
  • दाईं तरफ की पसलियों में दर्द – बोरॅक्स 200 दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।
  • हाथ-पैरों में दर्द, लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से लड़खड़ा जाना – स्टैन्नम 200 की एक खुराक, एक दिन छोड़कर कुल तीन खुराक लें।

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