मोटापे का होम्योपैथिक उपचार

मोटापे का होम्योपैथिक उपचार

शरीर की सुंदरता उसका बाह्य रूप ही होता है । स्फूर्तिला या फूर्तिला व्यक्तित्व, विशाल रूप आदि माता-पिता की ही देन (आनुवंशिक) है, पर उसका खयाल हर इंसान को स्वयं ही करना होगा। यदि एक बार किसी शरीर में वसा (चरबी) बढ़ना शुरू गया तो सुस्त जीवन शैली व अत्यधिक वसायुक्त भोजन लेने से व्यक्ति मोटा दिखने लगता है।

इसलिए कद के अनुपात अनुसार शरीर में हद से ज्यादा चरबी शरीर के लिए हानिकारक होती है, इस अवस्था को मोटापा या अधिक वजन कहते हैं। मोटापा ज़्यादा भोजन खाने सेव कैलरीज को कम उपयोग में लाने से होता है। आज कल कई स्कूलों में वजन को कम करने के लिए योगा, एरोबिक्स व्यायाम के साथ आहार नियंत्रण भी सिखाया जाता है, जिसकी वजह से वजन को नियंत्रित रखने के लिए मोटापे से ग्रस्त लोग वहाँ पर आकर्षित हो रहे हैं।

हकीकत में वजन कम करने में दवा उतना काम नहीं करती, जितना कि दूसरे उपाय काम करते हैं। अधिक वजन कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है । जैसे- हृदय की बीमारियाँ, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, पाचन संबंधी बीमारियाँ, हड्डियों में दर्द व अकड़न, वन्ध्यत्व (जनन अक्षमता ), पैरों की नसें फूलना (वेरीकोज वेन्स), मासिक धर्म संबंधी समस्याएँ व गर्भावस्था की समस्याएँ आदि ।

जिनकी वजन बढ़ने की प्रवृत्ति है, उन्हें निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:-

  • भोजन समय पर लेना चाहिए।
  • सुबह का नाश्ता व दोपहर का भोजन सामान्य रूप में लेना चाहिए, जबकि रात भोजन बहुत ही हल्का लेना चाहिए।
  • भोजन हमेशा अच्छे से चबाकर खाना चाहिए, जल्दी में कभी न खाएँ ।
  • ज़्यादा शक्कर, मिठाइयाँ, वसायुक्त और तली हुई चीजें खाने से बचें।
  • भोजन के पहले एक प्लेट मौसमी सलाद खाएँ ।
  • दिन में कम से कम दो से तीन गिलास गुनगुना पानी पीएँ ।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें या योगशाला में शामिल हो जाएँ ।
  • योग या एरोबिक शिक्षक की सलाह से आपके रोज़ के खान-पान में बदलाव लाएँ।
  • अल्प आहार योजना (क्रॅश डाएट प्रोग्राम) न अपनाएँ, यह सिर्फ थोड़े समय के लिए ही वजन कम करती है । अत्यधिक वजन कम करने के लिए पर्याप्त व स्वास्थ्यवर्धक भोजन लें।
  • कई सारे हेल्थ क्लब्ज और कंपनियाँ हैं, जो बहुत कम समय में वजन कम करने का आश्वासन देती है। यह बहुत ही महँगी योजना है और इसके दुष्प्रभाव’ भी बहुत हैं क्योंकि ये कंपनियाँ भूख कम लगने की दवा देती हैं, जो भोजन के पाचन व शोषण पर असर करती हैं। यदि आपको औषधि लेनी ही है तो बेहतर है कि सुरक्षित होमियोपैथी ही अपनाएँ ।

आप कैसे जानेंगे कि आपका वजन अधिक है

सबसे पहले आप खुद ही खुद को कहेंगे कि ‘आपका वजन अधिक है।’ आपके शरीर का आकार यह कह देगा। दूसरी बात आपके दोस्त व रिश्तेदार यह घोषित कर देते हैं कि आपका वजन बढ़ गया है। अंत में आप खुद डॉक्टर से जाँच करवाएँ या आप खुद घर पर कुछ निम्नलिखित परीक्षण करवाएँ।

सामान्य नियम यह है कि आपका वजन यदि आपके कद के अनुपात में 20 प्रतिशत ज़्यादा है तो आपको मोटापे से ग्रस्त कहा जाएगा। अधिक वजन जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपका बॉडी मास इन्डेक्स (BMI), जो आपके शरीर व कद की गणना करता है। दूसरा तरीका आपके कमर व कूल्हे माप के अनुपात से पता चलता है, जहाँ सबसे ज़्यादा चरबी इकट्ठी होती है।

आपका बी. एम. आय. जानिए

  • आपके वजन (कि. ग्राम में) को आपके कद (मीटर्स में) से दो गुणा करके विभाजित करें। जैसे आपका वजन 68 कि.ग्रा. है और कद 1.50 मीटर है तो बी.एम. आय. 22.66 [68 को 3 (1.50 का दो गुणा) से विभाजित] होता है, जिसे मोटापा कहते हैं।
  • यदि BMI 20 के नीचे है तो वजन कम है।
  • यदि BMI 20 से 25 के बीच है तो आप स्वस्थ हैं।
  • यदि BMI 26 से 29 के बीच है तो आपका वजन अधिक है।
  • यदि BMI 30 से अधिक है तो आप मोटे हैं।

औषधियाँ

जब आप नियमित व्यायाम और संतुलित आहार उपचार-प्रथम चरण में दर्शाए गए सूची अनुसार ले रहे हैं तब ही दवाइयाँ वजन कम करने में मदद करती हैं। यदि आहार और व्यायाम से एक महीने में एक किलो वजन कम होता है तो दवा के साथ संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करने पर एक महीने में दो किलो वजन कम हो सकता है।

  • फाइटोलक्का Q की 10 से 15 बूँदे दिन में तीन बार खाना खाने के 15 मिनट पहले एक महीने के लिए लें। वजन कम होने के बाद आगे की औषधि होमियोपैथी चिकित्सक की सलाह से लें ।
  • यदि मोटापा थाइराइड की परेशानी से है तो थाइराइडिनम 200 की एक खुराक, सप्ताह में एक बार, एक महीने तक लें व उसके बाद डॉक्टर से सलाह लें।
  • यदि मोटापा गलगण्ड (गॉइटर) या थाइराइड ग्रंथि बढ़ने से और मरीज़ को कब्ज व पेट फूलने की समस्या हो तब फ्यूकस वेसीकॅटोरिया Q की 10-15 बूँदें दिन में तीन बार, खाना खाने के 15 मिनट पहले एक महीने के लिए लें।

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