संवेदनशून्यता, कामजोरी, रक्तचाप का होम्योपैथिक उपचार

संवेदनशून्यता, कामजोरी, रक्तचाप का होम्योपैथिक उपचार

शरीर के किसी भी भाग में संवेदना न महसूस हो तो इसे नमनेस या असंवेदनशीलता कहते हैं। आम भाषा में इसे हाथ, पैर या शरीर का कोई अंग सो गया है, ऐसा कहा जाता है । कोई इंसान जब लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठता या खड़ा रहता है तो वह इसे महसूस करता है । असंवेदनशीलता का कारण धीमा रक्त संचार, चिंता, अपचन, कब्ज व हृदय संबंधी तकलीफ है।

  • हाथ या पैर को झटका दीजिए, यदि इससे मदद न मिले तो हल्के से मालिश करें।
  • बिना दूध की एक कप चाय, उसमें चार से छह बूँद नींबू का रस मिलाकर पीएँ ।
  • बिना शक्कर का एक कप दूध उसमें दो चम्मच ‘इसबगोल’ मिलाकर लें।
  • यदि आपने व्यायाम व सुबह की दौड़ अभी शुरू की है और आपको सवंदेनशून्यता का आभास हो तो व्यायाम बंद कर दें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही व्यायाम शुरू करें। यदि सिर में संवेदनशून्यता हो तो डॉक्टर से सलाह लें ।

औषधियाँ

  • पैर, उँगलियाँ, तलवे, चौंका देनेवाला दर्द कि कोई छोटी सी वस्तु भी उठा नहीं पाते, पैर का सुन्न हो जाना (Numbness) – एल्युमिना 200 की एक खुराक, रोज़ रात, तीन दिन तक लें।
  • दर्द के साथ सिर सुन्न हो जाना- एसाफोटिडा 30, दिन में तीन बार, तीन दिन पीठ / कमर और पैर सुन्न होना, अँगूठे में सूजन ऑक्जेलिक एसिडम 30, दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।
  • मृत भावना, शरीर के अंग ठंढे व नीले पड़ना -ऍगॅरिकस 30, दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।
  • हाथ और उँगलियाँ सुबह और रात में सुन्न होना, गर्मी में और सोने से अधिक – लॅकॅसिस 200, सप्ताह में एक खुराक दो सप्ताह तक लें।
  • बाहों का अग्र भाग (Forearm ) रात में सुन्न होना – अर्जेंटम नाइट्रिकम 200 की रात को एक खुराक, तीन रातों तक लें।
  • थोड़े से दबाव से, लेटने से, धीमे रक्त प्रवाह की वजह से हाथ, पैर सुन्न होना एम्ब्रा ग्रिसिआ 30, दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।
  • शरीर का कोई भी भाग दर्द के साथ सुन्न होना – चामोमिला 30, दिन में तीन बार, तीन दिन तक लें।

कमज़ोरी / निर्बलता

शरीर की दुर्बलता कमज़ोरी है और यह कई कारणों से हो सकती है। आहार में कमी, कम रक्तचाप, खून की कमी, अत्यधिक दवाइयाँ लेने के दुष्परिणाम, दस्त के बाद, अत्यधिक मासिक स्राव के बाद, अत्यधिक व्यायाम या बिना आराम किए घर का बहुत सारा काम तथा मानसिक तनाव या चिंता ये शरीर की दुर्बलता के कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं। कमज़ोरी मिटाने के लिए उत्तरी भारत में बुजुर्ग उपयुक्त शाकाहारी भोजन और दूध के सेवन की सलाह देते हैं।

यहाँ कुछ औषधियाँ दी गई हैं, जो दुर्बलता को दूर कर सकती है। यदि फिर भी कमज़ोरी महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क करें । 30 शक्ति की औषधि, दिन में तीन बार, सात दिन तक लें।

  • सीढ़ियाँ ऊपर चढ़ने से कमज़ोरी – कॅल्केरिया फॉस्फोरीका
  • दस्त से – चाइना ऑफिसिनॅलिस
  • साधारण गतिविधि से – ब्रायोनिया एल्बा
  • मासिक धर्म के पहले – कॅल्केरिया कार्बोनिका
  • मासिक धर्म के बाद – चाइना ऑफिसिनॅलिस
  • पसीने से – ब्रायोनिया एल्बा
  • बोलने या हँसने से – स्टॅन्नम मेटालिकम

उच्च रक्तचाप

जब धमनियों में रक्त प्रवाह होता है तब रक्त धमनियों की आंतरिक दीवार पर दबाव डालता है और यह दबाव जब सामान्य से अधिक हो जाता है तब इसे उच्च रक्तचाप कहते हैं । यदि हम इस बीमारी के पीछे के कारण गिनें तो वे कारण वैद्यकीय शास्त्र के हिसाब से बहुत हैं पर एक आम व्यक्ति को समझने के लिए दो कारण महत्वपूर्ण हैं। एक है व्यायाम या शारीरिक श्रम की कमी व दूसरा कारण चिंता या तनाव । यदि हम अपना रहन-सहन व सोच-विचार बदलें तो उच्च रक्तचाप कम हो जाएगा।

सामान्य रक्तचाप – रक्तचाप नापने के यंत्र पर 120/80 एम.एम.एच. जी. है । यदि यह 140/90 एम.एम.एच.जी. से अधिक दर्शाता है, इसका अर्थ उच्च रक्तचाप है। अन्य कारणों में मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, सुस्त जीवन शैली, उम्र बढ़ना और कुछ वंशानुगत धमनियों की बीमारी आदि कारण हो सकते हैं।

चालीस वर्ष की उम्र के बाद हर महीने रक्तचाप की जाँच करवानी चाहिए। कभी-कभी उच्च रक्तचाप के लक्षण स्पष्ट नहीं दिखते और न ही मरीज द्वारा महसूस किए जाते हैं, जब तक कि उच्च रक्तचाप बहुत अधिक न हो। इसलिए चालीस वर्ष की उम्र के बाद जाँच कराना ज़रूरी है, खासकर उन्हें जिनके माता-पिता को यह बीमारी हो । यदि रुटिन चेकअप या कोई अन्य बीमारी के लिए चेकअप कराते समय रक्तचाप अधिक हो और उम्र चालीस से कम हो तो इसे ध्यान देने की आवश्यकता है। धूम्रपान भी उच्च रक्तचाप का एक कारण है।

.बचाव

  • यदि आप धूम्रपान करते हैं तो धूम्रपान करना छोड़ दें।
  • रोज़ शारीरिक व्यायाम आचरण में लाने की कोशिश करें। सुबह की सैर, साइकिल चलाना या तैरना शुरू करें।
  • वसा और स्टार्चयुक्त आहार न लें।
  • अत्यधिक शराब लेने से बचें।
  • आपका वजन अधिक है तो योगा अभ्यास से अपना वजन कम करें।
  • नमक का सेवन कम करें। इस पर विवाद है हालाँकि अधिकतर डॉक्टर नमक कम खाने की सलाह देते हैं। जो लोग नमक से संवेदनशील हैं, सिर्फ उन्हें नमक कम खाने की सलाह दी जाती है। नमक की संवेदनशीलता परखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि 15 दिन तक नमक का सेवन कम करें। इस प्रयोग के पहले व बाद में रक्तचाप नापें ताकि अंतर पता चले।
  • सब्जियाँ और फल अधिक मात्रा में खाएँ व मांसाहारी भोजन खाने से बचें।
  • सुबह नाश्ते के बाद लहसुन की दो कली खाएँ ।
  • अपने काम व व्यापार में चिंता और तनाव से बचें।

नोट : जब आपको बेहोशी, चक्कर, थकान व सिरदर्द महसूस हो तब डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपको साँस लेने में तकलीफ, बाजुओं या सीने में दर्द हो और डर सा लगे तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।

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