होम्योपैथिक स्वचिकित्सा

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आमवात, गठिया, जोड़ दर्द का होम्योपैथिक उपचार

आमवात, गठिया, जोड़ दर्द का होम्योपैथिक उपचार जोडों के कई तरह के रोग होते हैं, जैसे अस्थिसंधिशोथ (arthritis), संधिशोथ या आमवात (rheumatism), गठिया वात (gout) आदि। एक आम आदमी के लिए इन रोगों के कुछ आम लक्षण हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, ऐंठन और सीमित गतिविधि । आमवात बहुत दीर्घकालिक अवधि का रोग है मगर […]

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मुँह के छाले, दांत दर्द, पायरिया का होम्योपैथिक उपचार

मुँह के छाले, दांत दर्द, पायरिया का होम्योपैथिक उपचार मुँह के छाले मुँह के छाले मुँह के भीतर बदसूरत दिखनेवाले छोटे, पीले या सफेद फोड़े-फुंसी की तरह घाव है। ये छाले एक-दो या जीभ पर समूह में, जीभ के निचले भाग पर, गाल के अंदर, तालू पर और होंठो के अंदरूनी हिस्से पर हो सकते

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बिलनी एवं कान दर्द का होम्योपैथिक उपचार

बिलनी एवं कान दर्द का होम्योपैथिक उपचार बिलनी (पलक की किनारों पर फुंसी) एक फुंसी जैसे उभार, गाँठ या छोटा पसवाला फोड़ा आँखों की पलक में, सामान्यतः पलकों (eyelash) के आधार पर या आँखों के कोनों पर होना इसे बिलनी कहा जाता है। कुछ इंसानों में यह अकसर हो जाती है। इसमें सूजन व दर्द

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बवासीर का होम्योपैथिक उपचार

बवासीर का होम्योपैथिक उपचार बवासीर यानी गुदा (मलद्वार) के अंदर या बाहर छोटी-छोटी गाँठे होती हैं, जो खून या बिना रक्तस्राव के भी हो सकती हैं। ये गाँठे भिन्न संख्या में हो सकती हैं। यह एक अत्यधिक दर्दनाक व सूजनवाली या बहुत सारे एक साथ अंगूर के गुच्छे जैसी हो सकती हैं। यह सूजन दर्दनाक,

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कब्ज, गैस, बदहज्मी एवम उल्टी का होम्योपैथिक उपचार

कब्ज, गैस, बदहज्मी एवम उल्टी का होम्योपैथिक उपचार कब्ज कब्ज की समस्या अधिकतर ऐसे लोगों को होती है, जो निष्क्रिय रहते हैं, जो व्यायाम नहीं करते तथा अधिक बैठे रहनेवाला काम करते हैं। जब इंसान का मल निष्कासन नहीं होता या आँतों (पेट) में कुछ रह गया है, भारीपन महसूस हो रहा है, पेट साफ

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पेटदर्द एवं दस्त का होम्योपैथिक उपचार

 पेटदर्द एवं दस्त का होम्योपैथिक उपचार पेटदर्द पेटदर्द, पाचन तंत्र से संबंधित है, इसके कई कारण हैं, जैसे संक्रमण (इन्फेक्शन), घाव (ulcers), अपेंडिक्स में सूजन, कब्ज़, पित्ताशय में पथरी आदि । पाचन तंत्र के अलावा, मूत्र नली में संक्रमण, किडनी में तकलीफ, मांसपेशियों का तनाव या हर्निया इत्यादि कारण भी हो सकते हैं। यदि पेटदर्द

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खांसी एवं गले की समस्याओं का होम्योपैथिक उपचार

खांसी एवं गले की समस्याओं का होम्योपैथिक उपचार गले में खराश गले में खराश यानी गले के भाग में दर्द होना। सामान्यतः गले में खराश आगामी सर्दी, गले का संक्रमण (इन्फेक्शन), ग्रंथीय ज्वर या ज्वर का पहला लक्षण माना जाता है। गले में खराश किसी एलर्जी, ठंढी शुष्क हवा, वातावरण में प्रदूषण, वाइरल या बैक्टेरियल

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सर्दी, जुकाम, सिरदर्द बुखार का होम्योपैथिक उपचार

सर्दी, जुकाम, सिरदर्द बुखार का होम्योपैथिक उपचार सर्दी-जुकाम से सभी परिचित हैं। इसकी शुरुआत नाक बहने से होती है । फिर छींके आना और आँखों से पानी बहना, गले का सिकुड़ना, थूकने या निगलने की इच्छा, खराशयुक्त आवाज़, सिरदर्द, शरीर में दर्द, भूख न लगना, हलका बुखार इत्यादि । ये सारे लक्षण शुरू में नहीं

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बच्चों की समस्याओं का होम्योपैथिक उपचार

बच्चों की समस्याओं का होम्योपैथिक उपचार शिशुओं में पेटदर्द उदरशूल यानी आमाशय या पेट में दर्द होना । शिशुओं में लगातार रोने का मतलब पेटदर्द हो सकता है। नवजात (सामान्यतः चार माह तक के) शिशुओं में पेटदर्द होना बंद हो जाता है क्योंकि तब तक उनका शरीर मौसम के उपयुक्त और आहार को पचाने के

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