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हेलोनियस डायोका | Helonias Dioca

हेलोनियस डायोका | Helonias Dioca ऐसी स्त्रियों के लिए जिनमें दुर्बलता के कारण जरायुभ्रंश की प्रवृत्ति पाई जाती है, जो अकर्मण्यता एवं ऐश्वर्य के कारण दुर्बल रहती हैं; कठोर मानसिक अथवा शारीरिक परिश्रम करने के फलस्वरूप जिनका शरीर जीर्ण जर्जर हो चुका है; पेशियों से अधिक कार्य लिये जाने के कारण उनमें जलन और कसकपूर्ण […]

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हेलीबोरस नाइगर | Helleborus Niger

हेलीबोरस नाइगर | Helleborus Niger दुबले-पतले सुकुमार-तन, कच्छुविष-ग्रस्त बच्चे जिनमें मस्तिष्क रोगों की प्रवृत्ति पाई जाती है (बेला, कल्के, टुब); साथ ही सीरमी निःस्राव । विषाद, दुखी; हताश; मनोव्यथा के साथ शान्त; आंत्रिक ज्वर के बाद; यौवनारम्भ पर लड़कियों में अथवा उस समय जब ऋतुस्राव एक बार आरम्भ हो कर पुनः होता ही नहीं ।

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हमामंलिस वर्जीनिका | Hamamblis Vigrinica

हमामंलिस वर्जीनिका | Hamamblis Vigrinica इस झाड़ी में सितम्बर से नवम्बर तक फूल खिलते हैं, जब उसके पत्ते झड़ते हैं। बीज अगली गर्मी में पकते हैं । यह शरीर के प्रत्येक द्वार से होने वाले शिराजन्य रक्तस्राव के लिए उपयोगी है, जैसे नाक, फुफ्फुस, आन्तें, जरायु और मूत्राशय । शिरापरक रक्तसंचय – निष्क्रिय, त्वचा एवं

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ग्रेफाइटिस | Graphites

ग्रेफाइटिस | Graphites ऐसी स्त्रियों के लिये उपयोगी, जिनमें मोटापा बढ़ते जाने की प्रवृत्ति पाई जाती है, जिन्हें मलबद्धता की शिकायत बनी रहती है; साथ ही विलम्बित ऋतुस्राव का इतिहास । यौवन काल में जिस प्रकार पल्साटिल्ला की उपयोगिता पाई जाती है, उसी प्रकार वय:सन्धि काल में ग्रेफाइटिस लाभदायक होती है । अत्यधिक सावधानी; डरपोक,

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ग्लोनाइन | Glonoine

ग्लोनाइन | Glonoine स्नायविक स्वभाव; रक्तबहुल लालिमायुक्त, सूक्ष्मग्राही स्त्रियां सहज ही प्रभावित हो जाने वाले व्यक्ति । मानसिक उत्तेजना, घबराहट, भय, यांत्रिक क्षतिग्रस्तताओं तथा उनके उत्तरकालीन परिणामों के दुष्प्रभाव; बाल कटाने से (ऐको, बेला) । शिरोवेदनायें – गैस की रोशनी के नीचे काम करने से, जब सिर के ऊपर गर्मी पड़ती है। सिर के आस-पास

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जेल्सीमियम | Gelsemium

जेल्सीमियम | Gelsemium बच्चों, युवा व्यक्तियों, विशेष रूप से स्नायविक, वातोन्मादी प्रकृति की स्त्रियों के लिये (काक्क, इग्नें) । समस्त पेशी-जाल का पूर्ण ढीलापन एवं अवसाद, साथ ही पूर्ण प्रेरक पक्षाघात । उत्तेजित, चिड़चिड़ा, सूक्ष्मग्राही हस्तमैथुन करने वाले स्त्री-पुरुषों को होने वाले स्नायु रोगों के लिये (काली-फा) । भयातुर होने, घबरा जाने, उत्तेजनाशील समाचार सुनने

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फ्लोरिक एसिड | Fluoric Acid

फ्लोरिक एसिड | Fluoric Acid वृद्धावस्था अथवा समय से पहले ही आ जाने वाले बुढ़ापे के रोग; उपदंश एवं पाराजनित रक्तदोष में युवा व्यक्ति वृद्ध दिखाई देते हैं। बिना किसी खतरे के व्यायाम करने की बढ़ी हुई क्षमता (कोका); ग्रीष्म ऋतु की बढ़ी हुई गर्मी अथवा शीतऋतु की बढ़ी हुई सर्दी से कम प्रभावित होता

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फेरम मेटालिकम | Ferrum Metallicum

फेरम मेटालिकम | Ferrum Metallicum रक्तप्रधान प्रकृति वाले व्यक्ति; चिड़चिड़ा, झगड़ालू, विरोधी स्वभाव वाला, सहज सी उत्तेजित हो जाने वाला, मामूली-सा प्रतिवाद करने पर क्रुद्ध हो जाता है (एनाका, काक्कू, इग्ने); मानसिक श्रम करने पर आराम । चिड़चिड़ापन हल्के से शोरगुल, यहां तक कागज की फड़फड़ाहट से भी वह आपे से बाहर हो जाता है

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यूफ्रेशिया | Euphrasia

यूफ्रेशिया | Euphrasia गिर जाने के फलस्वरूप वाह्यांगों के कुचले जाने अथवा यांत्रिक क्षतिग्रस्तताओं (mechanical injuries) के दुष्परिणाम (आर्निका) । श्लेष्म-कलाओं, विशेष रूप से नेत्रों एवं नाक की श्लैष्मिक झिल्लियों के प्रतिश्यायी रोग । प्रचुर परिमाण में होने वाला तीखा अश्रुपात, साथ ही नाक से विपुल‘ परिमाण में होने वाला सौम्य स्त्राव (एलि-सेपा के विपरीत)

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यूपाटोरियम पर्फोलिएटम | Eupatorium Perfoliatum

यूपाटोरियम पर्फोलिएटम | Eupatorium Perfoliatum वृद्ध व्यक्तियों को आकान्त करने वाले रोगों में उपयोगी जीर्ण-जर्जर तन, विशेष कर मतवालेपन से, शारीरिक क्षीणता, जो पित्तात्मक अथवा सविराम-ज्वरों के चिरस्थाई रहने या बारम्बार आक्रमण होने के फलस्वरूप पैदा होती है । सारे शरीर में कुचलन जैसी अनुभूति, जैसे टूट गया हो (आर्नि, बेलिस, पाइरो)। अस्थि-पीड़ा जो पीठ,

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