होम्योपैथिक मैटिरिया मैडिका

Homoeopathic Materia Medica – Elan Key Notes, होम्योपैथिक मैटिरिया मैडिका

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इपिकाकुन्हा | Ipecacuanha

इपिकाकुन्हा | Ipecacuanha ऐसे रोगियों के लिये उपयोगी, जिनमें पाचन सम्बन्धी लक्षणों की प्रमुखता पाई जाती है (एण्टि-ड पल्सर); जिह्वा स्वच्छ अथवा हल्की-हल्की परत से आवृत्त । समस्त रोगावस्थाओं में जिनके साथ निरन्तर मितली की शिकायत बनी रहती है। मितली : साथ ही विपुल लारस्राव; विपुल परिमाण में श्वेत, चमकदार श्लेष्मा का वमन होता है, […]

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आयोडम | Iodum

आयोडम | Iodum गण्डमाला प्रवण व्यक्ति, जिनके काले केश एवं नेत्र होते हैं; उनमें हल्की- सी मानसिक अथवा शारीरिक विकार की अवस्था भी पाई जाती है, साथ ही वे भारी दुर्बलता और अत्यधिक कृशता से घिरे रहते हैं (एब्रोटे) । अत्यधिक दुर्बलता एवं सीढ़ियों में ऊपर की ओर चढ़ते समय श्वास का अभाव (कल्के); ऋतुस्राव

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इग्नेशिया | Ignatia

इग्नेशिया | Ignatia स्नायविक प्रकृत्ति वाले व्यक्तियों के लिये विशेष उपयोगी असहिष्णु एवं सहज ही उत्तेजित हो जाने वाली स्त्रियां, काले केश एवं काली त्वचा किन्तु सौम्य प्रकृति; किसी बात का तुरन्त अर्थ लगा लेता है और अपना कार्य शीघ्र ही निपटा लेता है । (यह औषधि पल्साटिल्ला से पूर्णतया भिन्न है जिसमें रोगी गौरवर्ण,

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हाइपेरिकम पर्फोरेटम | Hypericum Perforatum

हाइपेरिकम पर्फोरेटम | Hypericum Perforatum मेरुदण्ड की यांत्रिक क्षतिग्रस्ततायें; मेरुदण्डीय संघट्टन (spinal concussion) के दुष्प्रभाव; गिर जाने के बाद गुदास्थि पर चोट लगने के फलस्वरूप पीड़ा । परिच्छिद्रित, अन्तर्वेधी अथवा विदीर्णकारी घाव; दाहक, पीड़ाप्रद (लीड; कुचलनयुक्त घाव आर्नि हेमा), विशेष रूप से जब वे एक लम्बी अवधि तक विद्यमान रहें । क्षतिग्रस्ततायें –  नाखुनों के

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हायोसायमस नाइगर | Hyocyamus Naiger

हायोसायमस नाइगर | Hyocyamus Naiger रक्तबहुल प्रकृति वाले व्यक्ति, जो चिड़चिड़े, स्नायविक और बातोन्मादी होते हैं । आक्षेप – बच्चों का भय अथवा कृमियों के फलस्वरूप आन्तों के क्षोभण से (सीना); प्रसव के दौरान सूतिकावस्था के दौरान खाना खाने के बाद बच्चा वमन कर देता है, अचानक चीख पड़ता है, तदुपरान्त मूच्छित हो जाता है।

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हाइड्रस्टिस कैनाडेन्सिस | Hydrastis Canadensis

हाइड्रस्टिस कैनाडेन्सिस | Hydrastis Canadensis दुर्बल व्यक्तियों के लिए, साथ ही चिपचिपे श्लैष्मिक स्राव । शारीरिक अथवा मानसिक विकार या सांघातिक रक्तदोष, साथ ही पाचन एवं यकृत क्रिया की अत्यधिक दोषपूर्ण अवस्था; अत्यधिक मदिरा पान के फल- स्वरूप स्वास्थ्य पूर्णतया नष्ट । कैंसर – कठोर, चिपकने वाला; त्वचा धब्बेदार, सिकुड़ी हुई; दर्द छुरी से काटे

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हीपर सल्फ्यूरिस | Hepar Sulphuris

हीपर सल्फ्यूरिस | Hepar Sulphuris निश्चेष्ट लसीकाप्रधान शारीरिक गठन वाले व्यक्तियों के लिये; ऐसे व्यक्ति, जिनके केश और मुखमण्डल हल्के रहते हैं, धीरे-धीरे काम करते हैं, तथा जिनकी मांसपेशियां कोमल और शिथिल रहती हैं। हल्की सी चोट भी पक जाती है (ग्रैफा, मर्क्यु)। ऐसे रोग जिनकी उत्पत्ति पारदात्यय (aluuse of mercry ) द्वारा शरीर को

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हेलोनियस डायोका | Helonias Dioca

हेलोनियस डायोका | Helonias Dioca ऐसी स्त्रियों के लिए जिनमें दुर्बलता के कारण जरायुभ्रंश की प्रवृत्ति पाई जाती है, जो अकर्मण्यता एवं ऐश्वर्य के कारण दुर्बल रहती हैं; कठोर मानसिक अथवा शारीरिक परिश्रम करने के फलस्वरूप जिनका शरीर जीर्ण जर्जर हो चुका है; पेशियों से अधिक कार्य लिये जाने के कारण उनमें जलन और कसकपूर्ण

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हेलीबोरस नाइगर | Helleborus Niger

हेलीबोरस नाइगर | Helleborus Niger दुबले-पतले सुकुमार-तन, कच्छुविष-ग्रस्त बच्चे जिनमें मस्तिष्क रोगों की प्रवृत्ति पाई जाती है (बेला, कल्के, टुब); साथ ही सीरमी निःस्राव । विषाद, दुखी; हताश; मनोव्यथा के साथ शान्त; आंत्रिक ज्वर के बाद; यौवनारम्भ पर लड़कियों में अथवा उस समय जब ऋतुस्राव एक बार आरम्भ हो कर पुनः होता ही नहीं ।

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हमामंलिस वर्जीनिका | Hamamblis Vigrinica

हमामंलिस वर्जीनिका | Hamamblis Vigrinica इस झाड़ी में सितम्बर से नवम्बर तक फूल खिलते हैं, जब उसके पत्ते झड़ते हैं। बीज अगली गर्मी में पकते हैं । यह शरीर के प्रत्येक द्वार से होने वाले शिराजन्य रक्तस्राव के लिए उपयोगी है, जैसे नाक, फुफ्फुस, आन्तें, जरायु और मूत्राशय । शिरापरक रक्तसंचय – निष्क्रिय, त्वचा एवं

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