होम्योपैथिक मैटिरिया मैडिका

Homoeopathic Materia Medica – Elan Key Notes, होम्योपैथिक मैटिरिया मैडिका

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टेबेकम | Tabacum

टेबेकम | Tabacum ऐसे रोग जिनकी उत्पत्ति मस्तिष्क क्षोभण के कारण होती है और तदुपरान्त योनि की क्रिया में भारी उत्तजना पाई जाती है। कपोलों और पीठ की कृशता । सम्पूर्ण पेशी-जाल की पूर्ण अवसन्नता । अत्यधिक दुःख की अनुभूति । त्वचा की बरफ जैसी ठण्डक; ठण्डे पसीने से तर । लक्षण दौरे के रूप […]

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सिफिलीनम | Syphilinum

सिफिलीनम | Syphilinum सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक होने वाले दर्द; सन्ध्याकाल में आरम्भ होते हैं और दिन के प्रकाश के साथ ही लुप्त हो जाते हैं (मर्क्यू, फाइटो) । दर्द धीरे-धीरे बढ़ता घटता रहता है (स्टैन) स्थान बदलता रहता है। और निरन्तर अपनी स्थिति बदलनी पड़ती है । समस्त लक्षणों में रात्रिकालीन वृद्धि होती

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सिम्फाइटम | Symphytum

सिम्फाइटम | Symphytum भंगास्थियों को जोड़ने में सहायता देने वाली औषधि (कल्के-फास्फो); विशिष्ट प्रकार की चुभनशील पीड़ा कम करती है; नई हड्डी बनाने में सहायता करती है; जब रोग स्नायुमूलक होता है । टूटी हुई हड्डी की नोंक पर क्षोभण; घाव ठीक हो जाने के बाद अस्थि-आवरण की पीड़ा । यांत्रिक क्षतिग्रस्ततायें: नेत्रगोलक पर चोट,

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सल्फ्यूरिक एसिड | Sulphuric Acid

सल्फ्यूरिक एसिड | Sulphuric Acid हल्के केशों वाले व्यक्तियों के लिए; बूढ़े लोग, विशेष रूप से स्त्रियाँ; रजनिवृत्ति के दौरान गर्मी की चौंध । प्रश्न का उत्तर देने की अनिच्छा, हठीपन के कारण नहीं, वरन् अक्षमता के कारण । भारी हड़बड़ाहट महसूस करता है; प्रत्येक कार्य शीघ्रातिशीघ्र करना चाहता है (आर्जे-नाइ) । दर्द धीरे-धीरे तीव्र

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सल्फर | Sulphur

सल्फर | Sulphur गण्डमाला रोग-प्रवण व्यक्तियों के लिए उपयोगी जो शिराओं, विशेष रूप से यकृत प्रणाली के रक्त संलयन से पीड़ित रहते हैं । स्नायविक प्रकृति वाले व्यक्ति, जो जल्दी-जल्दी चलते हैं, शीघ्र ही क्रुद्ध हो जाते हैं, रक्तबहुल होते हैं, जिनकी त्वचा जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यन्त असहिष्णु होती है (हीपर, काली-कार्बो, सोरा) ।

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स्ट्रामोनियम | Stramonium

स्ट्रामोनियम | Stramonium रक्तप्रधान युवकों को आक्रान्त करने वाले रोगों (ऐकोना, बेला), विशेष रूप से बच्चों के नर्तन रोग में तथा उन्माद एवं ज्वरजनित प्रलाप के लिए उपयोगी । प्रलाप – वाचाल, हर समय बोलता रहता है, गाना गाता रहता है, कवितायें करता है, ऊट-पटांग बकता रहता है; बेला एवं हायोसा को उद्दीप्त करती है

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स्टेफिसैग्रिया | Staphisagria

स्टेफिसैग्रिया | Staphisagria हस्तमैथुन तथा अत्यधिक सम्भोग के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले मानसिक विकारों के लिए। हल्के से हल्के मनोवेगों के प्रति भारी असहिष्णु हल्की-सी क्रिया अथवा अहानिकारक शब्द चुभ जाता है (इग्ने) । दूसरे व्यक्तियों अथवा स्वयं किये गए कार्यों के प्रति भारी अश्रद्धा; परिणामों के बारे में चिन्तित रहता है। विरक्त, उदासीन, हतोत्साह,

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स्टेनम | Stannum

स्टेनम | Stannum मन एवं शरीर की भारी थकान । आमाशय के अन्दर, डूबने, खालीपन, खोखलेपन की अनुभूति (चेलिड़ों, फास्फो, सीपिया) । उदास, हताश, हर समय रोने जैसी अनुभूति करती है, किन्तु रोने से उसके उपसगों में वृद्धि होती है (नेट्र-म्यूरि, पल्सा, सीपिया); मूच्छित और दुर्बल, विशेष रूप से जब सीढ़ियों से नीचे उतरती है;

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स्पांजिया टोस्टा | Spongia Tosta

स्पांजिया टोस्टा | Spongia Tosta बच्चों तथा स्त्री रोगों के लिये विशेष उपयोगी; हल्के केश, ढीले-ढाले मांस-तन्तु, गौर वर्ण (ब्रोमि) । ग्रन्थियों की सूजन और कठोरता गलगण्ड (ब्रोमि) । भयातुर होकर जागता है और महसूस करता है जैसे उसका दम घुट रहा हो; जैसे उसे किसी स्पांज के माध्यम से श्वास ले रहा हो ।

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स्पाइजीलिया | Spigelia

स्पाइजीलिया | Spigelia आमवात प्रवण रक्ताल्प दुर्बल व्यक्तियों के लिए; कण्ठमालाग्रस्त बच्चे, जिनके पेट में कीड़े रहते हैं (सीना, स्टैन) । हल्के केशों वाले व्यक्ति; पीले, दुबले, फूले हुए, दुर्बल, झुर्रीदार, पीली, मिट्टी के रंग जैसी त्वचा । स्पर्श के प्रति शरीर दर्दनाक और असहिष्णु; स्पर्श किए जाने वाले भागों में ठण्डक की अनुभूति; स्पर्श

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