फाइससटिग्मा | Physostigma
फाइससटिग्मा | Physostigma असाधारण मानसिक क्रिया; सोचना-विचारना बन्द नहीं कर सकता । दृष्टि धुंधली, किसी प्रकार के दोष अथवा जाला लगने से चीजें मिली- जुली प्रतीत होती हैं। नेत्रों का प्रयोग करने के बाद पीड़ा; काले धब्बे तैरते दिखाई देते हैं, प्रकाश की झलकें, पलकों तथा नेत्र-पेशियों का स्फुरण (एगारि); अक्षिदोलन (nystgmus) । पेशीजाल की […]