फाइससटिग्मा | Physostigma

फाइससटिग्मा | Physostigma

असाधारण मानसिक क्रिया; सोचना-विचारना बन्द नहीं कर सकता । दृष्टि धुंधली, किसी प्रकार के दोष अथवा जाला लगने से चीजें मिली- जुली प्रतीत होती हैं। नेत्रों का प्रयोग करने के बाद पीड़ा; काले धब्बे तैरते दिखाई देते हैं, प्रकाश की झलकें, पलकों तथा नेत्र-पेशियों का स्फुरण (एगारि); अक्षिदोलन (nystgmus) । पेशीजाल की भारी अवसन्नता प्रेरकगति की मन्दता (जेल्सी) । मानसिक अथवा शारीरिक दोषों के कारण युवा व्यक्तियों में सिहरन अथवा कम्पन ।

रोगमूलक अथवा चोटमूलक धनुर्वात; सामने से जाते हुए व्यक्ति की हल्की सी सांस से होने या बढ़ने वाला (हाइपे, लाइसि, नक्स, स्ट्रिकनी) ।

सम्बन्ध – बेला, कोनि, क्यूरे, जेल्सी, हाइपे तथा स्ट्रिकनी से तुलना कीजिए ।

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