मुहासे, मोटापा, बालों का होम्योपैथिक इलाज

मुहासे, मोटापा, बालों का होम्योपैथिक इलाज

सौन्दर्य और होम्योपैथी (Beauty Tips)

कई बार मस्से त्वचा का ज्यादा खुरदरापन या चिकनाहट अनचाहे बाल, बालों का असमय सफेद होना, त्वचा पर धब्बे, कील, मुहांसे, आंखों का अन्दर को धंसे होना, आदि के कारण व्यक्ति कुरूप नजर आने लगता है मगर होम्योपैथिक चिकित्सा द्वारा इस कुरूपता को सुन्दरता में काफी हद तक बदला जा सकता है।

1. खुश्क व खुरदरी त्वचा के लिए, रोगी जब नहाने से कतराये ।

  • सल्फर 30, 200

2. खुश्क व खुरदरी त्वचा के लिए जब ख़ारिश के बाद दर्द महसूस हो।

  • सोराइनम 30, 200

3. औरतों में आंखों के चारों ओर काले धब्बे जब किसी पुराने दुख के कारण हों।

  • स्टेफिसगेरिया 30, 200

4. जब आखों के चारों ओर काले धब्बे स्नायविक कमजोरी (nervous weakness) के कारण हों।

  • फॉस्फोरस 30, 200

5. जब आंखों के चारों ओर काले धब्बे अत्यधिक स्राव (discharge) के कारण हों चेहरा पीला व आँखें अन्दर को धंसी हुई हों।

  • चाइना 30

6. जब आंखों के चारों ओर काले धब्बे किसी गहरे आघात या दुख (shock or grief) के कारण हों।

  • नेट्रम म्यूर 30, 200

7. चेहरा पीला व साथ में चेहरे व सीने पर पीले या भूरे धब्बे ।

  • सीपिया 30, 200

8. काले या नीले रंग के धब्बों के लिए ।

  • आर्सेनिक 30 व लैकेसिस 30

9. चेहरे या अन्य किसी अंग पर लाल रंग की धारियां ।

  • हाइपैरिकम 30, 200

10. चेहरे का रंग मुर्दे के समान पीला व आंखों के चारों ओर नीले रंग की पट्टी सी ।

  • बिस्मथ 30

11. रक्त की कमी (anaemia) के कारण पीलापन ।

  • फैरम मैट 3X

12. त्वचा का रंग साफ करने के लिए ।

  • सरसापैरिला 30

13. चेहरे पर निशान जो फोड़े फुंसियों या मुहांसों, आदि के कारण हों ।

  • साइलिशिया 6X व, काली फॉस 6X

14. चेहरे पर चेचक के दाग ।

  • वेरियोलिनम 200, सारासिनिया 30, थायोसिनैमिनम 2X

खाने में दूध, दही, फल, हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज व सलाद खूब खायें।

मुंहासे (Pimples)

चेहरे पर जवानी के दिनों में छोटे छोटे दाने हो जाते हैं। इनमें अक्सर मवाद भर जाती है या कील बन जाती है।

1. मुख्य दवा (चेहरे पर बड़े बड़े कील वाले मुंहासे)। मासिक धर्म के समय या कॉफी, चीनी या मांस, आदि खाने से बढ़ें।

  • सोराइनम 200 या 1M दें

2. जवानी आने के समय मुंहासों की मुख्य दवा ।

  • ऐस्टेरियास रयूबैंस 30, दिन में 4 बार दें

3. यदि ऐस्टेरियास रयूबैंस से फायदा न हो।

  • काली ब्रोम 30 दिन में 4 बार

4. जब मुंहासे सर्दियों में व अण्डा खाने से बढ़ें।

  • स्ट्रेप्टोकोक्सिन 200, 2-3 बार दें

5. मुंहासे व त्वचा साफ करने के लिए।

  • बर्बेरिस एक्विफोलियम Q दिन में 3 बार

6. जब मुंहासों में सफेद मवाद हो व दर्द हो ।

  • हिपर सल्फ 30, दिन में 3 बार

7. जब उपरोक्त दवाओं से फायदा न हो। रोगी गंदा रहना पसन्द करता हो ।

  • सल्फर 200 या 1M सप्ताह में एक बार

8. ठंडी प्रकृति के रोगियों में ।

  • साइलिशिया 200 या IM सप्ताह में एक 1M, बार

9. जवानी के दिनों में, जब पेट में गैस भी बनती हो ।

  • कार्बोवेज 30 या 200 दिन में 2 बार

बहुत घी, तेल वाली चीजें न खायें। हल्का, सादा खाना खायें, हरी सब्जियां व मौसमी फल प्रचुर मात्रा में लें ।

11. मुहासे

  • एचनेशिया 30, आर्टिका यूरेंस 30, कल्केरिया फास 30; दिन में 3 बार सेवन करें ।

12. मुहासे        

  • आर्सेनिक आयोड 3X, एसिड फ्लोर 6; दिन में 3 बार सेवन करें ।

बिवाइयां (Chilblains)

1. मुख्य दवा ।

  • एगैरिकस 30, दिन में 3 बार

2. बिवाइयों में सुई चुभने जैसा दर्द, जो शाम को बढ़ता है व ठण्डी हवा से आराम मिलता है।

  • पल्साटिला 30 दिन में 4 बार

3. जब बिवाइयों में खुजली, जलन व तेज दर्द हो ।

  • कैमोमिला 30, दिन में 3 बार

4. जब जलन अत्यधिक हो व बेचैनी हो।

  • आर्सेनिक एल्ब 30 दिन में 3 बार

5. बिवाइयां जो नम व गहरी हों, खुजली व जलन हो ।

  • पेट्रोलियम 30, दिन में 3 बार

6. जब रोग भीगने, नहाने धोने से बढ़े व सर्दियों में ज़्यादा हो ।

  • रस टॉक्स 30, दिन में 3 बार

7. खुश्क बिवाइयों की मुख्य दवा रोगी गन्दा सा दिखे या गन्दा रहना चाहे ।

  • सल्फर 30, दिन में 2 बार

8. बाह्य प्रयोग के लिए सफेद वैसलीन या नारियल का तेल इस्तेमाल करें। यदि जख्म हों तो कैलेण्डुला मरहम का प्रयोग करें। मोम व देसी घी मिला कर लगाने से फायदा होता है।

पसीना (Perspiration)

1. केवल सिर पर पसीना या शरीर के सिर्फ एक भाग पर खट्टा तथा ठंडा पसीना ।

  • कैल्केरिया कार्ब 30 या 200

2. पसीने के कारण सारा सिर, माथा, गला, मुंह सब भीग जाते हैं। पसीना बहुत बदबूदार जो पांव में घाव तक कर देता है.

  • साइलिशिया 30 या 200

3. सिर को छोड़कर बाकी सारे शरीर पर पसीना ।

  • रस टॉक्स 30

4. बगलों में बहुत दुर्गन्धित पसीना ।

  • पेट्रोलियम 30

5. बहुत कमजोरी से या घातक रोग के बाद ज़्यादा पसीना आए ।

  • चाइना 30

6. आँख बंद करते ही या सोते ही पसीना आए ।

  • कोनियम 30 या 200

7. शरीर के बिना ढके हिस्से पर पसीना आए ।

  • थूजा 30

8. शरीर को अत्यन्त कमजोर कर देने वाला पसीना ।

  • फॉस्फोरस 30

9. संगीत का आनन्द लेते समय ज़्यादा पसीना आए।

  • टैरेन्टुला 30

10. नींद से जागते ही पसीना आए ।

  • सैम्बुकस 30

11. टायफॉएड आदि रोगों के बाद दिन रात पसीना आये। जरा सा हिलने-डुलने से पसीना बढ़े।

  • सोराइनम 200

12. रोगी जिस करवट लेटे उसके दूसरी ओर पसीना आए ।

  • एसिड बैन्जोइक 30

13. पसीने से कपड़े पर पीला दाग पड़े।

  • कार्बो एनिमेलिस 30

14. सारे शरीर में बेहद पसीना, खास कर जननांगों में ।

  • एसिड फॉस Q या 6

15. चलते समय बेहद पसीना आए। खाते समय ठंडा पसीना आए ।

  • मर्क सौल 30

16. श्लेष्मिक झिल्लियों की बेहद खुश्की की वजह से आँख, नाक, जीभ, मुंह, गला, व ओंठ खुश्क व सूखे हुए पसीना बिल्कुल न आए।

  • नक्स मौस्केटा 6 या 30

17. पसीना रूक जाने से खून भरी टट्टियां आने लगें

  • नक्स वोमिका 30

18. पसीना रुक जाने से जुकाम या बुखार होने पर

  • एकोनाइट 30

19. पसीने की हालत में भीग जाने पर (सर्द गर्म हो जाने) खांसी, जुकाम या बुखार हो ।

  • रस टॉक्स 30 या 200 पर

20. पसीना अधिक आने पर       

  • काली फास 3X, नेट्रम फास 3X; दोनो में से 2-2 गोली दिन में 3 बार ।

21. पसीना कम आने पर     

  • ब्रायोनिया 6, फेरम फास 12X, काली म्यूर 3X

मस्से (Warts)

1. विभिन्न प्रकार के मस्सों की मुख्य दवा ।

  • थूजा 30, 200 या 1M
  • थूजा Q मस्सों पर लगाएं ।

2. सींग जैसे नोकदार चुभने वाले मस्से ।

  • कैल्केरिया कार्ब 30, 200

3. छोटे-छोटे बहुत सारे मस्से, जिनकी जड़ मुलायम और ऊपर से कठोर हों ।

  • कॉस्टिकम 30, 200

4. टेढ़े-मेढ़े, खुरदुरे, बड़े-बड़े मरसे। ऊपर के होंठ पर मस्से ।

  • नाइट्रिक एसिड 30, 200

5. मस्से छूने से दुखें व जख्म बन जाएं।

  • नैट्रम कार्ब 30

6. दर्द करने वाले कठोर मस्से ।

  • सल्फर 30, 200

7. हथेली पर मस्से ।

  • नैट्रम म्यूर 30, 200

8. हाथों पर मस्से ।

  • काली म्यूर 6X या 30

9. जननेन्द्रिय की आगे की त्वचा के अगले हिस्से पर, शरीर पर बड़े-बड़े काले मस्से ।

  • सीपिया 30 या 200

10. बायोकैमिक औषधि

  • साइलिशिया 12X

मोटापा

जब व्यक्ति आराम प्रिय जिंदगी व्यतीत करे। खूब खाए पिये, चलने-फिरने व कसरत करने से कतराये तब उसके शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। यह तो हम सभी जानते हैं कि जो भोजन हम करते हैं उससे हमें ऊर्जा मिलती है जिससे हम शरीर की गतिविधियों को चलाते हैं।

अतः यदि हम भोजन ज़्यादा करें जिससे हमें ज़्यादा ऊर्जा मिले और उस ऊर्जा को हम ठीक से इस्तेमाल न कर पायें तो यही ऊर्जा चर्बी के रूप में हमारे शरीरे में जमा होने लगती है जिससे हम मोटे हो जाते हैं। कई व्यक्तियों में यह रोग हार्मोन्स की गड़बड़ी के कारण भी हो सकता है।

1. मुख्य औषधि।

  • फाइटोलाक्का बेरी Q 10-1५ बूंद, दिन में 3 बार

2. जब रोगी मोटा थुलथुला हो । सोते समय सिर में खूब पसीना आए।

  • कैल्केरिया कार्ब 200 या 1M

3. जब कैल्केरिया कार्य से फायदा न हो। गले में गॉयट्रर (goitre) हो।

  • फ्यूकस वेस Q 20–30 बूंद, हर 4 घंटे बाद

4. जब मोटापा पेट की गड़बड़ी के कारण हो, कब्ज हो, जीभ पर सफेद परत जमी हो।

  • एण्टिमोनियम कूडम 30, 200

5. जब थायरोएड ग्रन्थि की गड़बड़ी के कारण मोटापा हो ।

  • थायरोइडिनम 30, 200

6. औरतों के लिए । जब कब्ज रहता हो ।

  • ग्रेफाइट्स 30

7. जब मोटापे के साथ खून की कमी (anaemia) हो।

  • फैरम मैट 3X, 6

8. जब कमर के निचले हिस्से से जांघों तक ज़्यादा चर्बी चढ़ी हो ।

  • अमोनियम म्यूर 3X, 200

व्यक्तिपरक चिकित्सा (constitutional treatment) से फायदा होता है ।

नियमित व्यायाम करें व खाना उतना ही खायें जितने की आवश्यकता हो। कैलोरी चार्ट्स भी आजकल उपलब्ध हैं जिससे पता लगाया जा सकता है कि कौन सा व कितना भोजन करें।

जुएँ या लीखें (LICE)

1. सिर, बगल, गुप्तागों में जुएँ या लीखें

  • स्टेफिसगेरिया Q या 30, दिन में 3 बार

2. जब शरीर में त्वचा पर जुएँ हो जाएँ, (त्वचा में धंसी रहें) निकालना कठिन हो

  • लाइकोपोडियम 30, दिन में 2 बार

3. सिर में जुएँ हो जाएँ, बालों की चमक फीकी पड़ जाए, देखने में गंदे लगे

  • सोराइनम 200 या 1M, 15 दिन में 1 बार 2-3 बार दोहराएं

4. सिर में जुएँ पड़ जुएँ, खोपड़ी से बदबू आए, सिर में फोड़े-फुंसियां हों व सिर गीला रहे

  • विन्का माइनर 30, दिन में 3 बार

5. बाहरी प्रयोग के लिए स्टेफिसगेरिया Q तेल में मिलाकर लगाएँ । अनुपात 1: 9 (इस बात का ध्यान रखें कि मिश्रण आँखों में न जाने पाए)

बालों का गिरना (Falling of the hair )

1. बालों के गुच्छे के गुच्छे झड़ते हों, कभी यहां से कभी वहां से; चकत्ते के रूप में ।

  • फॉस्फोरस 30 या 200, 2-3 खुराक
  • बायोकैमिक औषधि : कैल्केरिया फॉस 6X, दिन में 4 बार

2. सफेद खुश्क रूसी के कारण बालों का झड़ना। बाल टूट कर गिरते हों ।

  • थूजा 30 या 200,2–3 खुराक

3. चिंता तथा मानसिक अवसाद की वजह से सिर, भौं, पलकों, तथा जननांगो से बाल झड़ना ।

  • एसिड फॉस 6, दिन में 3 बार

4. सिफिलिस के कारण बाल झड़ना ।

  • अस्टिलैगो Q या 30 व फ्लोरिक एसिड 6 आवश्यकतानुसार

5. बालों के तेजी से बढ़ने व चमक लाने के लिए।

  • विस्बैडन 30, दिन में 3 बार

6. गर्भावस्था के दौरान बाल झड़ना ।

  • नैट्रम म्यूर 6X, दिन में 4 बार व सीपिया 200, की 2-3 खुराक

7. बालों में रुसी

  • काली म्यूर 3X, नेट्रम म्यूर 3X, काली सल्फ 3X; तीनो में से 2-2 गोली दिन में 3 बार ।
  • आर्निका Q जैतून के तेल में मिला कर बालों में लगाएं ।

8. गंजापन

  • आर्निका Q कैस्टर आयल 1:10 के अनुपात में सिर पर मालिश करें ।
  • कल्केरिया फास 3X; 4-4 गोली दिन में 3 बार ।
  • लाईकोपोडियम 30, सिलेनियम 6, पाईलोकार्पिन 6; दिन में 3 बार

बाल जल्दी सफेद होना (Grey Hair)

1. मुख्य औषधि – बाल जल्दी सफेद हो जाना ।

  • थायरोएडिन 30 या 200 आवश्यकतानुसार

2. बाल जल्दी सफेद हो जाने की अवस्था में। दोनों औषधियां एक के बाद दूसरी एक-एक हफ़्ते के अंतर से दें ।

  • लाइकोपोडियम 200 व एसिड फॉस 200

3. अगर ऊपर दी हुई औषधियों से लाभ न हो ।

  • पाइलोकारपस 1M

नाखूनों के रोग (Diseases of the nails)

1. नाखूनों पर सफेद रंग के दाग हो जाएं ।

  • एसिड नाइट्रिक 30 या 200, दिन में 3 बार

2. नाखून मोटे व कड़े हो जाएं, किनारों से खाल छूट जाती है और सहज में ही चूर-चूर हो जाते हैं। नाखून की जड़ में सूजन ।

  • ग्रेफाइट्स 30 या 200, दिन में 3 बार

3. नाखून से मांस का झड़ना व मवाद पड़ जाना। दो अंगुलियों के बीच की जगह में घाव हो जाएं ।

  • इयुजिनिया 30 या 200, दिन में 3 बार

4. नाखून की जड़ जगह पर सूजन व पत्थर की तरह कड़ापन । मवाद में परिवर्तित न होकर कड़ा हो जाने से यह दवा विशेष लाभदायक है ।

  • कैल्केरिया फ्लोर 12 X या 30, दिन में 3 बार

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