बच्चों की बीमारियों का होम्योपैथिक इलाज

बच्चों की बीमारियों का होम्योपैथिक इलाज

बच्चों के लिये कुछ खास दवाएं

1. जब बच्चे का विकास बहुत धीमे हो, जैसे चलना, बोलना, दांत निकलना वजन बढ़ना आदि ।

  • बैराइटा कार्ब 200, 1M

2. जब अण्डकोष नीचे न उतरे हों।

  • ऑरम म्यूर नेट्रम 6, 30

3. बच्चा हमेशा पेट के बल लेटे ।

  • बैराइटा म्यूर 6, 30

4. दूध से ऐलर्जी हो ।

  • ट्यूबरकुलाईनम 200, 1M

5. बच्चों से खट्टी बू आये।

  • हिपर सल्फ 30, इह्यूम 30, एसिड सल्फ 30

6. बच्चा देर से बातचीत करना सीखे।

  • नैट्रम म्यूर 30, 200

7. बच्चा चलना देर से सीखे।

  • कैल्केरिया कार्ब 200, IM

8. कमजोरी के कारण सिर का बोझ न संभाल पाये।

  • ऐथ्यूजा 30

9. शारीरिक व मानसिक कमजोरी।

  • जिन्कम मैट 30

10. डर या सजा के कारण गुमसुम होना।

  • इग्नेशिया 200, 1M

11. बच्चे को ठंड ज़्यादा महसूस हो।

  • साइलिशिया 200, 1M

दुर्बल होते जाना (Atrophy)  

  • काल्केरिया फास 3X, फेरम फास 6X, काली फास 3X, नेट्रम म्यूर 3X
  • चायना Q, हाइडास्टिस Q, अल्फा अल्फा Q; बराबर मात्रा में मिला कर मिश्रण तैयार करे और उसकी 20 – 20 बूंद दिन में 3 बार सेवन करें ।

हकलाना

  • मैग फास 3X, काली फास 3X; 2 – 2 गोली दिन में 3 बार ।
  • स्टैमोनियम 200 की एक मात्रा सप्ताह में एक बार.

दांत निकलते समय कष्ट (Teething Troubles)

1. बायोकैमिक औषधि

  • कैल्केरिया फॉस 6X या बायो नं0 21, दिन में 3 बार

2. दांत निकलते समय बच्चा दर्द सहन न कर सके, चिल्लाये सिर्फ गोद में उठाने से शांत हो। रात में परेशानी बढ़े।

  • कैमोमिला 30 दिन में 3 बार

3. दांत निकलने के दिनों में बच्चे का शरीर ऐंठना ।

  • बैलाडोना 30, दिन में 3 बार

4. मोटे, थुलथुले बच्चों में दस्त हों, हड्डियां कमजोर हों, सिर पर पसीना आये ।

  • कैल्केरिया कार्ब 200, 2-3 खुराक

5. बच्चा दूध हजम न कर सके।

  • मैग कार्ब 30, दिन में 3 बार

6. बच्चा दिन में खुश रहे, मगर रात में परेशान करे ।

  • लाइकोपोडियम 30 दिन में 3 बार

7. दांत निकलते समय लकवा हो जाये।

  • काली फॉस 6X, दिन में 4 बार

8. जोर से बोलने या डांटने से बच्चा सहम जाये ।

  • स्टेफिसगेरिया 200, 2-3 खुराक

9. दांत निकलते समय पतले दस्त जो मात्रा में बहुत अधिक हों; बच्चा मसूढ़ों को दबाता रहे ।

  • पोडोफाइलम 30, दिन में 3 बार

10. दांत देर से निकलें, ख़ासकर जब परिवार में टी. बी. के रोग का इतिहास हो ।

  • ट्यूबरकुलाईनम 200, 1५ दिन में एक बार

11. मन्द बुद्धि बच्चों के लिए ।

  • बैराइटा कार्ब 30, दिन में 3 बार

बच्चों के कुछ खास मानसिक लक्षण व होम्योपैथिक इलाज

बच्चों के कुछ ख़ास लक्षणों के अनुसार होम्योपैथिक दवा उनके व्यक्तित्व का विकास करने में सहायता करती है।

1. बच्चों में टीका लगने के बाद रोग ।

  • थूजा 200 या 1M

2. गुस्सैल, निर्दयी प्रकृति के बच्चे, जो दूसरे बच्चों के साथ मार पीट करें। बच्चे को बस में करना मुश्किल हो ।

  • सिफिलिनम 200 या 1M

3. हठी बच्चे, जिन्हें चुप कराना मुश्किल हो ।

  • ट्यूबरकुलाईनम, ड्रासेर, सिना 1M लक्षणों के अनुसार

4. हीन भावना, आत्मविश्वास की कमी, बच्चा कुछ भी याद न रख सके, दूसरों को चिढ़ाये, लड़े झगड़े।

  • लाइकोपोडियम 1M, 10M

5. बच्चे जो बहुत जिद्दी व गुस्सैल हों कभी प्रसन्न न हों, न हंसे, किसी से न डरें। लात-घूंसे चलायें।

  • ट्यूबरकुलाईनम 200 या 1M

6. जब बच्चा जिद्दी हो, व मोटा होता जाए ।

  • कैल्केरिया कार्ब 200 या 1M

7. जब बच्चा जिद्दी हो और तोड़-फोड़ व मार धाड़ पर आमादा हो, परन्तु संगीत प्रेमी हो ।

  • टैरेंटुला हिस 200 या 1M

8. जब बच्चों में झूठ बोलने व चीजें चुराने की मनोवृत्ति हो ।

  • ओपियम 200 या 1M

9. नम्र स्वभाव वाले बच्चे जो छुटपन में आराम से गोदी में रहना चाहें व जिन्हें प्यार बहुत पसन्द हो। ऐसे बच्चों को अचानक गुस्सा आए। अधिक चिकनाई व गर्मी से जिनके रोग बढ़ते हों ।

  • पल्साटिला 200 या IM

10. ज़रा सी बात पर गुस्सा आये । अपने आप को संभाल न पाऐ, गुस्से में चीजें फेंक दे, तोड़-फोड़ या मचा दे ।

  • स्टोफिसगेरिया 200, 1M

11. निर्दयी प्रकृति का बच्चा, गन्दा, उग्र प्रकृति का बच्चा, नाखून खाए, चीजें चुराए और कुत्तों से डरे ।

  • स्ट्रामोनियम 200 या IM

12. ट्यूबरकुलर प्रकृति, सर्दी जल्दी हो, दम घोटने वाली खांसी हो ।

  • ड्रॉसेरा 1M या 10M

13. अकेला रहने, अंधेरे व तूफान से डरे, गुस्सा जल्दी आये। लाड़ प्यार पसन्द करे ।

  • फॉस्फोरस 200 या 1M

14. जिद्दी, झगड़ालू, प्यार से बोलने पर चिल्लाये, शर्मीला, मां के पल्लू से चिपटा रहे, गम्भीर विषयों को भी हंस कर टाले। मेरे तेरे की भावना हो ।

  • साइलिशिया 200 या 1M

15. चलना व बोलना देर से, अच्छा खाते पीते भी  कमजोर, नमकीन चीजें खाने की इच्छा हो, हाल चाल पूछने पर रो पड़े ।

  • नैट्रम म्यूर 200 या 1M

16. अपने प्रियजनों से भी ईर्ष्या करे ।

  • एसिड फ्लोर 200

17. शर्मीला, कायर, किसी फर्नीचर या मां के पीछे छुपे । अजनबियों या नये चेहरों से डरे, दूसरे बच्चों के साथ न खेले, मन व शरीर का अविकसित होना ।

  • बैराइटा कार्ब 200 1M

18. बच्चा जिद्दी अवज्ञाकारी धमकी देने वाला झगड़ालू ।

  • टैरेन्टुला 200

19. किसी की परवाह न करना जो जी आये करे, बोले ।

  • सल्फर 200

बिस्तर में पेशाब करना (Bed Wetting)

1. मुख्य दवा ख़ास कर नम्र स्वभाव के बच्चों के लिए ।

  • पल्साटिला 30

2. पहली नींद के दौरान; पता तक न लगे कि पेशाब किया है।

  • कॉस्टिकम 30, 200

3. अगर कॉस्टिकम काम न करे।

  • जल्सेमियम 30

4. जब चुपचाप बैठे बैठे या पहली नींद के बाद बिस्तर में पेशाब हो ।

  • रस टॉक्स 30, 200

5. जब पेशाब परिमाण में बहुत ज़्यादा हो।

  • प्लान्टैगो 30

6. बच्चे को रात में जगाना मुश्किल हो।

  • क्रियोजोट 30

7. जब बच्चा पेशाब सिर्फ आदत की वजह से करे और कोई लक्षण न हो।

  • एक्विज़िटम 6, 30

8. जब पेशाब में बिल्ली के पेशाब की सी गंध हो।

  • वायोला टी 30

9. कीड़ों की वजह से बिस्तर में पेशाब करना। ठंड ज़्यादा महसूस हो ।

  • साइलिशिया 30

10. जब पेशाब में घोड़े के पेशाब की सी तेज गंध हो ।

  • एसिड बैन्जोइक 30

11. कमजोर बच्चों में ।

  • चाइना 30

12. त्वचा के रोगियों में जब दानों में शहद की तरह का स्राव हो ।

  • ग्रेफाइट्स 30

13. जब पेशाब बिस्तर पर लेटते ही या कुछ समय बाद हो ।

  • सीपिया 30, 200

14. पीले, मरियल, पेटू बच्चों में जिन्हें मीठा अच्छा लगता है। नहाना-धोना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ।

  • सल्फर 30, 200

15. रात में पेशाब होना । मीठा व गर्म खाने की इच्छा।

  • लाइकोपोडियम 30, 200

16. पेशाब अनजाने में काफी मात्रा में हो। पेट में कीड़े हों।

  • सिना 30

17. जब पेशाब स्वप्न के साथ हो और नींद खुल जाती हो ।

  • लैक कैन 30, 200

18. मोट थुलथुले बच्चों में, जिन्हें आसानी से पसीना आ जाता है।

  • कैल्केरिया कार्ब 200, 1M

19. मोटे थुलथुले बच्चों में, रात में खूब पसीना आता है। पाख़ाने में खट्टी गंध शरीर में जगह जगह फूली ग्रंथियां ।

  • कैल्केरिया कार्ब 200, दिन में 2 बार

20. दूसरी मुख्य दवा दुबले पतले बच्चों में शरीर पर मांस न के बराबर, पेट कद्दू की तरह बड़ा । मांस पेशियां पुष्ट नहीं होतीं। दूध पचता नहीं।

  • साइलिशिया 30, दिन में 3 बार ।

21. माथा बड़ा और शरीर दुबला पतला। पोषण की कमी की वजह से दुबलापन और अस्थि विकार पेट अंदर को धंसा हुआ। गर्दन बहुत पतली जो कि सिर को न संभाल पाए। बालक मूर्ख सा दिखता है ।

  • कैल्केरिया फॉस 6X या 6, दिन में 4 बार

22. सिर बड़ा, खूब भूख, खाता भी है और कमजोर भी होता जाता है। बूढ़ा लगता है, झुर्रियां पड़ जाती हैं। चमड़ी लटकने लगती है।

  • सल्फर 30, दिन में 2 बार

बच्चों में ऐंठन (Convulsions)

किसी-किसी बच्चे में ऐंठन (Convulsions) पड़ते हैं जिनका कई बार कारण तक भी समझ नहीं आता । कई बार ऐंठन कमजोरी, बुख़ार, दांत निकलते समय, चोट या पेट में कीड़े, आदि के कारण हो सकती है।

1. जब ऐंठन का कारण समझ न आये ।

  • इग्नेशिया 30

2. अगर तेज बुखार के कारण बेहोशी सी के साथ ऐंठन हो ।

  • बैलाडोना 30

3. अगर गुस्से के साथ शरीर में ऐंठन आये। एक गाल लाल व गर्म और दूसरा पीलापन लिए ठण्डा ।

  • कैमोमिला 30

4. रोग जब कीड़ों के कारण हो ।

  • सिना 30
  • सिना के साथ – साथ सप्ताह में एक खुराक सल्फर 200 की दें

5. अगर मन में बैठे किसी डर के कारण रोग हो।

  • ओपियम 200

6. जब मितली व उल्टी हो, छाती पर बोझ सा लगे ।

  • इपिकैक 30

7. जब उपरोक्त दवाओं से फायदा न हो।

  • ट्यूबरकुलाईनम 200

पोलियो (Polio)

यह रोग प्रायः बच्चों को होता है। एक प्रकार के संक्रामक रोग के विष से उत्पन्न होता है। इससे मेरू दंड तथा मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। बुखार, खांसी, जुकाम, गला दुखना, कभी-कभी दस्त आना, ऐंठन होना आदि लक्षण होते हैं, और फिर पक्षाघात हो जाता है। अगर रोग यहीं न रूके तो मृत्यु भी हो सकती है।

1. पेट तथा आंतों में शक्तिहीनता के कारण बच्चा दूध पीते ही उसे ऐसे ही उलट देता है। हाथ पैरों में सुन्नपन। सिर को संभाले रहने की व खड़े होने की शक्ति नहीं रहती। मुट्ठी भिंच जाती है।

  • ऐथ्यूजा 30, दिन में 3 बार

2. जब पोलियो के साथ सख़्त कब्ज हो ।

  • प्लम्बम मैट 30, दिन में 3 बार

3. इन्फ्लुएंजा आदि बीमारियों के बाद जब अंगों में कमज़ोरी, टांगों में कड़ापन महसूस होता है। बहुत थकान, बच्चा सुस्त पड़ा रहता है ।

  • लैथाइरस 6, दिन में 3 बार

4. टांगें सुन्न व झनझनाहट, चींटियां सी चलती हैं, रोगी बदन पर कपड़ा नहीं ओढ़ना चाहता ।

  • सिकेल कोर 30, दिन में 3 बार

खसरा (Measles)

यह एक छूत की बीमारी है। एक से पांच वर्ष की आयु में प्रायः बच्चों को होती है। यह रोगी के कपड़ों से हवा द्वारा फैलती है। शुरू-शुरू में जुकाम जैसे लक्षण प्रकट होते है। बुखार के साथ 4-5 दिन बाद चेहरे व गले पर दाने निकलते हैं और धीरे-धीरे सारे शरीर पर फैल जाते हैं। फिर चौथे-पांचवे दिन ये दाने प्रायः लुप्त हो जाते हैं, बुखार भी चला जाता है। परन्तु खांसी कुछ दिनों तक रहती है।

1. प्रतिरोधक दवा (रोग की प्रत्येक अवस्था में उपयोगी)

  • मोरबिलिनम 200 या 1M 3 खुराक 10-15 मिनट के अंतर से

2. प्रथम अवस्था में। तेज बुख़ार, बेचैनी, प्यास, नाड़ी भारी और तेज़ ।

  • एकोनाइट 6 या 30 2-3 घंटे के अंतर से

3. जब दाने ठीक से न निकलें, अचानक बैठ जाएं, जिससे सांस लेने में कष्ट हो, गले के अंदर श्लेष्मा घड़घड़ाए। जीभ सफेद ।

  • एण्टिम टार्ट 30, 3 खुराक, हर 2 घंटे बाद

4. जब दाने अचानक बैठ जाएं। रोगी खूब बड़बड़ाए। शरीर में डंक मारने जैसा दर्द, जलन, व तनाव ।

  • एपिस मैल 30 खुराक, हर 2 घंटे बाद

5. दाने अचानक ग़ायब होने से तेज बुखार और सर्दी । लगातार नाक व आँखों से पानी गिरे, नाक में घाव, आंखें और मुंह लाल, सुस्ती, ऊंघाई ।

  • जल्सेमियम 6 या 30 दिन में 3-4 बार

6. सर्दी पकने पर जब नाक से गाढ़ा बलगम निकले, प्यास न हो। यह दवा प्रतिरोधक दवा के रूप में भी काम आती है।

  • पल्साटिला 30, हर 3-4 घंटे के अंतर से दें

छोटी माता (Chicken Pox)

यह फैलने वाली छूत की बीमारी है। इसमें अनेक पारदर्शी स्राव भरे दाने होते हैं। छोटी माता या बड़ी माता का कोई आपसी संबंध नहीं है ।

1. रोग के शुरू होने पर तेज बुख़ार व बेचैनी ।

  • एकोनाइट 6 या 30, दिन में 4 बार दें।

2. सिर में बहुत रक्त संचय हो और तेज सिर दर्द।

  • बैलाडोना 6 या 30, दिन में 4 बार दें

3. दानों में जब बहुत खुजली हो ।

  • रस टॉक्स 6 या 30 दिन में 3 बार दें

बायोकैमिक औषधि : फैरम फॉस 6x व काली म्यूर 6x

बुख़ार वाली अवस्था में साबूदाना, दूध, अनार, अंगूर, मुनक्का दे (मांस, मछली बिल्कुल न दें ) ।

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