मानसिक विकारों का होम्योपैथी इलाज
हमारे शरीर में हमारा मस्तिष्क सभी क्रियाओं का संचालन करता है। मस्तिष्क से सारे शरीर में नाड़ी व स्नायु (nerve) जाती हैं। मस्तिष्क में गड़बड़ी हो जाने से कई प्रकार के मानसिक व शारीरिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। होम्योपैथी में मानसिक विकारों की बड़ी अच्छी चिकित्सा है। यहां पर संक्षेप में इन रोगों का विवरण व इलाज दिया जा रहा है।
नींद न आना (Insomnia)
मानसिक उत्तेजना, बेचैनी, भय, आदि, लक्षणों के साथ नींद न आने की बीमारी हो जाती है। माथे में खून का दबाव ज़्यादा हो जाता है। कई बार कोई ख़ास कारण पता न होते हुए भी नींद नहीं आती ।
प्रमुख दवा –
- काफिया 30; दिन में 3 बार ।
- काली फास 3X, 4-4 गोली, दिन में 3 बार ।
- पैसीफ्लोरा Q सुबह शाम 20 – 20 बूंद ।
1. जब किसी खुशख़बरी के कारण नींद न आए।
- कॉफिया 200, 2-3 खुराक
2. जब डर, आतंक या किसी बुरी ख़बर के कारण नींद न आए।
- जल्सेमियम 30, दिन में 3 बार
3. निराशा या दुःख; किसी निकट संबंधी की मौत के कारण नींद न आए।
- इग्नेशिया 200 या 1M, की 3 खुराक दें
4. मस्तिष्क में रक्त संचय के कारण नींद न आना।
- बैलाडोना 30, दिन में 3 बार
5. जब लगातार विचारो के कारण मस्तिष्क आराम न पा सके ।
- नक्स वोमिका 30 दिन में 3 बार
6. जरा सी आवाज से नींद टूट जाए और फिर न आए ।
- सल्फर 30, दिन में 2 बार
7. ख़ास कर बूढ़े व्यक्तियों में जब दिन में तो नींद आए मगर रात में नहीं ।
- फॉस्फोरस 30, दिन में 2 बार
8. चिन्ताओं के कारण नींद न आए।
- ऐम्ब्रा ग्रिज़िया 30 दिन में 2-3 बार
बायोकैमिक औषधि : फेरम फॉस 30 X सोते समय
दिमागी कमजोरी (Mental Weakness)
बहुत जटिल व पुरानी बीमारियां, जिनमें रोगी की जीवनी शक्ति क्षीण हो जाती है। स्नायुमण्डल कमजोर हो जाता है, बहुत ज़्यादा मानसिक परिश्रम, हस्त मैथुन, वंश परंपरा से आये दोष, आदि की वजह से दिमाग़ी कमजोरी उत्पन्न हो सकती है।
- प्रमुख दवा (ख़ास कर बढ़ती उम्र के नौजवानों में) – एसिड फॉस Q, 5-10 बूंद पानी के साथ
1. जब थोड़ी सी दिमाग़ी मेहनत से परेशानी लगे ।
- एसिड पिकरिक 30, दिन में 3 बार
2. जब परिश्रम करने की इच्छा न हो । अत्यधिक स्नायविक दुर्बलता ।
- फॉस्फोरस 30 या 200, की 3 खुराक
3. निराशा, शोक व दुःख के कारण रोग ।
- इग्नेशिया 30 या 200, दिन में 3 बार
4. मानसिक परिश्रम करने वाले, चिड़चिड़े स्वभाव के रोगी जिन्हें अक्सर कब्ज रहता है।
- नक्स वोमिका 30 दिन में 3 बार
बायोकैमिक औषधि : काली फॉस 6X या फाइव फॉस 6X
5. स्नायु-दौर्बल्य
- काली फास 6X, 4-4 गोली दिन में 3 बार ।
- जेल्सीमियम 30, एनाकार्डियम 30; दिन में 3 बार ।
खाने पीने में हल्का संतुलित व सुपाच्य भोजन करें, दूध, मक्खन, फल व सब्जियां) प्रचुर मात्रा में लें ।
क्रोध (Anger)
शारीरिक व मानसिक कमज़ोरी की वजह से रोगी बहुत चिड़चिड़ा, क्रोधी स्वभाव का हो जाता है । कई बार अन्य कारण भी इस रोग के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ।
1. बच्चों का गुस्सा, गोद में उठाने से शांत हो जाना । क्रोध के कारण दस्त, खांसी, आदि ।
- कैमोमिला 200 या 1M, सप्ताह में एक बार
2. क्रोध या अपमान के दुष्परिणाम, दूसरे लोगों की प्रतिक्रिया से चिन्तित होना ।
- स्टेफिसगेरिया 200 या 1M, सप्ताह में एक बार
3. चिड़चिड़ा स्वभाव, बदले की भावना, झुंझलाहट, कोई भी रुकावट पंसद नहीं ।
नक्स वोमिका 30, दिन में 2 बार
4. ऐसे लोग जो झगड़े को तत्पर रहते हैं ।
- लाइकोपोडियम 30 या 200, दिन में 2 बार
5. बच्चों में पेट में कीड़ों के कारण चिड़चिड़ापन |
- सिना 200, दिन में 2 बार
6. मोटे थुलथुले व्यक्तियों में गुस्सा ।
- कैल्केरिया कार्ब 200 या IM, दिन में 2 बार
7. तेज गुस्सा, गुस्से के समय जो भी पास आये उसे मार देना चाहे ।
- आयोडियम 200, दिन में 2 बार
8. गर्भावस्था के दौरान गुस्सा ।
- नक्स मॉस्काटा 30, दिन में 2 बार
मिर्गी (Epilepsy)
इसमें रोगी अचानक बेहोश हो जाता है। जहां और जैसी भी हालत में हो गिर पड़ता है। मुंह से झाग आने लगती है। हाथ पैर अकड़ जाते हैं और जबड़ा भिंच जाता है ।
1. आत्म ग्लानि (प्यार में धोखा), भय, शोक के कारण रोग ।
- इग्नेशिया 200 या 1M, आवश्यकतानुसार
2. त्वचा रोग दब जाने के कारण। दौरे से पहले छाती व पेट में तनाव । दौरा पड़ने पर जबान कट जाती है। सिर एक तरफ को झुक जाता है, पेशाब निकल जाता है। पानी पीने से रोग में आराम ।
- कॉस्टिकम 30, दिन में 3 बार
3. रोग की लहर घुटनों से या उंगलियों व अंगूठों से उठे और फिर पेट के निचले हिस्से तक जाये। रोगी अचानक दौरा पड़ने के कारण चीख के साथ गिर पड़ता है और दौरे के बाद सो जाता है ।
- क्यूप्रम मैट 30, दिन में 3 बार
जब दौरे नींद के दौरान आयें। रोग की लहर नाभि के आस पास से शुरू हो । पूर्णिमा को या उसके आस पास दौरे आयें।
- साइलिशिया IM,15-20 दिन में एक बार
4. मोटे लोगों में भय आदि के कारण दौरे जो कि पूर्णिमा के आस पास आयें । रोग की लहर नाभि के आस पास से ऊपर उठे और ऐंठन बढ़ती जाये। पानी पीने से रोग बढ़े। दौरे रात के समय ज़्यादा आएं ।
- कैल्केरिया कार्ब 1M, 15-20 दिन में एक बार
5. हस्त मैथुन या ज़्यादा वीर्यह्रास के कारण दौरे । रोग की लहर नाभि के आसपास से शुरू हो, रोगी बेहोश हो जाए ।
- ब्यूफो राना 30 या 200, दिन में 2 बार
6. जब दौरा सुबह के समय हर 2-3 सप्ताह बाद आए ।
- सीपिया 200 या 1M, 10 – 15 दिन में एक बार
7. बच्चों में जब किसी खास रोग के दब जाने से इस रोग की शुरूआत हो । उत्तेजना से रोग बढ़े।
- बैलाडोना 30, दिन में 3 बार
8. जब दौरे अचानक और जल्दी-जल्दी आयें। किसी भी मामूली कारण (भय, आतंक, हस्तमैथुन आदि) से दौरे पड़ने लगें ।
- आर्टिमिसिया वल्गेरिस Q या 6, दिन में 3 बार
9. जब शरीर अचानक अकड़ जाए और अंग फड़कने लगें और इसके बाद काफी कमजोरी आ जाये, जबड़े अकड़ जाएं ।
- साइक्यूटा विरोसा 6 या 30, दिन में 3 बार
10. चिड़चिड़े, तुनक मिजाज रोगी जो अक्सर कब्ज से पीड़ित हों।
- नक्स वोमिका 30 दिन में 3 बार
दवाओं की विस्तृत जानकारी के लिए मैटीरिया मैडिका देखें ।
उन्माद (पागलपन) (Insanity)
मन की स्वाभाविक अवस्था में गड़बड़ी हो जाने को उन्माद कहते हैं । उन्माद या पागलपन में रोगी में अलग-अलग प्रकार के लक्षण होते हैं। रोगी कभी बहुत बोलने लगता है, कभी गाने लगता है, कसमें खाता है, मारता है, काटता है, कपड़े फाड़ता है; मन में अनेक प्रकार के भ्रम हो जाते हैं ।
कारण : वंशगत दोष, बहुत ज़्यादा नशीली चीजें खाना, बहुत ज़्यादा इन्द्रिय सेवन या नकली मैथुन, बहुत अधिक शोक, मानसिक पोषण कम होना, बहुत परिश्रम
1. तोड़ – फोड़, गाली-गलौच, दूसरों पर थूकना; बोलने व काम करने में अत्यधिक तेजी । चेहरा लाल, प्रकाश असहनीय ।
- बैलाडोना 6 या 30, दिन में 3 बार
2. बेहूदी हरकतें करना, चिल्लाना, हंसना, इर्ष्यालु और शंकाशील, बकवास करना, नंगे हो जाना, बहकी-बहकी बातें करना, गुप्तांगों पर हमेशा हाथ रखना ।
- हायोसाइमस 30 या 200, दिन में 3 बार
3. चेहरा लाल । बहुत बकवास करना, ऊंचे बोलना, गाने गाना, गाली देना, मारना, मुंह से सीटी बजाना, कपड़े फाड़ डालना । रोगी अंधेरे से डरता है मगर चमकती हुई चीज या पानी को देख है कर दौरा पड़ जाता है। मौत का डर हर समय रहता है। ऐसा लगता है जैसे उसका कोई अंग बहुत बड़ा हो गया है ।
- स्ट्रामोनियम 30 या 200 दिन में 3 बार
4. जब समय, दूरी, व स्थान का ज्ञान न रहे। भुलक्कड़पन, मजेदार बातों में खोया रहे, हंसना शुरू करे तो हंसता ही रहे, अंगुली नचाता रहे, आदि ।
- कैनेबिस इंडिका 6 या 30, दिन में 3 बार
5. अपने को मानसिक व शारीरिक रूप से बहुत बड़ा व बाकी सब को बहुत छोटा समझे ।
- प्लैटिना 200 या 1M, 10 -15 दिन में एक बार
6. चेहरा पीला व बेहद कमजोरी। बाकी लक्षण स्ट्रामोनियम की तरह हों। छेड़ते ही बकवास शुरू कर दे ।
- विरेट्रम एल्ब 30 दिन में 3 बार
7. जब आत्महत्या का आवेग हो ।
- ऑरम मैट 200 या 1M 2-3 खुराक दें
8. अपने को धनवान, राजा समझे। चिथड़े पहन कर भी सोचे कि बहुत सुन्दर वस्त्र पहने हैं ।
- सल्फर 30 से 10M, तक आवश्यकतानुसार
9. औरतों में मासिक धर्म दब जाने के कारण रोग ।
- पल्साटिला 200 या 1M की 2-3 खुराक दें
10. निराशा, शोक, चिंता व डर, आदि के कारण रोग ।
- इग्नेशिया 200 या 1M, दिन में 2 बार
11. कस्में खाना; लगे जैसे किसी दूसरी आत्मा के अधीन है।
- ऐनाकार्डियम 30 या 200, दिन में 2-3 बार
12. सिर में चोट लगने के कारण रोग; छूए जाने का डर ।
- आर्निका 200 या 1M 2-3 खुराक
13. दु:खी मन; रंज, ग़म के कारण रोग। रोगी अकेला रहना चाहता है ताकि रो सके। सांत्वना बुरी लगती है ।
- नैट्रम म्यूर 200 या 1M की 2-3 खुराक
हिस्टीरिया (Hysteria)
स्नायुमण्डल की क्रिया में गड़बड़ी के कारण यह रोग होता है। यह रोग विशेषकर औरतों में ज़्यादा होता है। स्नायविक दुर्बलता ही इस रोग का प्रमुख कारण है।
1. जब औरतों में मासिक बंद होने के कारण रोग हो ।
- पल्साटिला 30 या 200, दिन में 3 बार
2. ऐसे रोगी, खासकर औरतें, जो दौरे में भी दूसरों को घृणा की दृष्टि से देखें ।
- प्लैटिना 200,दिन में 2 बार
3. जब आत्महत्या का विचार प्रबल हो ।
- ऑरम मैट 200 या 1M, की 3 खुराक
4. गैस के कारण पेट फूलना, मरोड़, जलन आदि ।
- एसाफोइटिडा 30 दिन में 3 बार
5. मासिक के समय दौरा । शंका – जैसे कोई ज़हर खिला देगा |
- हायोसाइमस 30 या 200, दिन में 3 बार
6. जब कब्ज़, पेट फूलना, हिचकी, आदि, लक्षण भी हों।
- नक्स वोमिका 30 दिन में 3 बार
7. दौरे के साथ नींद न आना, सिर दर्द, जैसे कोई सिर में कील ठोंक रहा हो ।
- कॉफिया 30, दिन में 3 बार
डर (Fears)
1. सड़क पार करने, अकेले रहने, और तूफान से डर ।
- फॉस्फोरस 30 या 200
2. भीड़ का डर ।
- अर्जेन्टम निट 30 या 200
3. अंधेरे का डर ।
- बैलाडोना 30, स्ट्रामोनियम 200, काली ब्रोम 30
4. परीक्षा का डर ।
- एनाकार्डियम 200, लाइकोपोडियम 200, साइलिशया 200
5. बच्चों में गोद से या झूले से गिर जाने का डर।
- जल्सैमियम 30, बौरेक्स 30
6. पिछली डर वाली बातें याद करके डर लगना ।
- ओपियम 200
7. ऊंचाई का डर ।
- अर्जेन्टम निट 200, पल्साटिला 200, स्टेफिसगेरिया 200
8. बारिश का डर ।
- इलेप्स कॉर 30, नाजा 30
9. अजनबियों का डर ।
- बैराइटा कार्ब 200
10. किसी से बात करने, छूने, या देखने का डर।
- एन्टिम क्रूड 200
अरूचि (Aversions)
1. नहाने से – सल्फर 30 या 200
2. अंधेरे से – सैनिकुला 30
3. खेलने से (बच्चों में) – बैराइटा कार्ब 200
4. स्कूल जाने के लिए – कैल्केरिया फॉस 6X
5. गणित से – लाइकोपोडियम 30 या 200
6. डबल रोटी व मक्खन से – साइक्लैमन 30
7. प्रकाश से – टैरेन्टुला हिस 30
8. अण्डों की गन्ध से – कोल्चिकम 30
9. प्याज, लहसुन से – सैबाड़िला 30
10. नमक से – फॉस्फोरस 30
11. मां के दूध से – साइलिशिया 12X या 30
12. बच्चों को मां के दूध के नमकीन होने के कारण – कैल्केरिया फॉस 6X या 30
नींद विकार (Disordered Sleep)
नींद के दौरान खास लक्षण नींद में बोलना, नींद न आना आदि इस अध्याय में दिए
1. पेट के बल सोना ।
- मैडोराइनम 1M, 2-3 खुराक
2. बच्चे जिनका पेट ज़्यादा खाने व कीड़ों के कारण बड़ा हो; पेट के बल सोयें । पालने में अच्छी नींद आए तेज थपकियों के बाद ही बच्चा सो पाए ।
- सिना 30 या 200
3. बच्चा दूध उलटने के बाद गहरी नींद सोए ।
- ऐथ्यूजा 30
4. नींद में डरावने सपने देखना चिल्लाना दांत किटकिटाना ।
- काली ब्रोम 30
5. नींद के दौरान आँखें आधी खुली रहें।
- लाइकोपोडियम 30 या 200
6. आँखों में नींद हो मगर फिर भी न सो पाए।
- बैलाडोना 30
7. रोगी दिन में सोए व रात में रोए ।
- जलापा 30
8. खुशी के कारण नींद न आए।
- कॉफिया 30 या 200
9. मानसिक तनाव के कारण नींद न आए।
- नक्स वोमिका 30 या 200
10. नींद में सुबकियां आएं।
- ऑरम मैट 200 या 1M
11. पढ़ने से नींद आए।
- मैग फॉस 6X या 30
12. नींद में बोलना ।
- पल्साटिला 30
13. अंधेरे में न सो पाना ।
- स्ट्रामोनियम 30 या 200
14. अचानक नींद टूट जाए और नीचे की ओर गिरने का भय हो ।
- बोरैक्स 30
15. नींद न आना (मुख्य दवा) ।
- पैसिफ्लोरा Q, 20 बूंद सोते समय
16. बायोकैमिक औषधि
- फेरम फॉस 30X व काली फॉस 6X
दवाएं आवश्यकतानुसार दिन में एक से चार बार तक दी जा सकती हैं।