आंख के रोगों का होम्योपैथी इलाज
गुहेरी या अंजनहारी (Stye)
आंखों की पलकों पर सूजन भरी फुंसी होने को गुहेरी कहते हैं ।
गुहेरी की मुख्य दवा
- पल्साटिला 200 दिन में 2 बार ।
- स्टैफिग्रिया 30 दिन में 3 बार ।
3. जब गुहेरी बार-बार हो ।
- हिपर सल्फ 1M, 2-3 खुराक दें
- बायोकैमिक औषधि : कैल्केरिया फ्लोर 6X, दिन में 3 बार
4. बार-बार गुहेरी होने पर
- मर्क सौल 30, दिन में 3 बार
नेत्र शोथ (सूजन) (Conjunctivitis)
आंख के ऊपरी भाग की श्लेष्मिक झिल्ली में सूजन आ जाने को नेत्र शोथ कहते हैं ।
लक्षण : आंख के सफेद हिस्से का लाल हो जाना, पानी गिरना, आंख में जलन व करकराहट, पपड़ी जमना, रोशनी सहन न होना, हल्का बुखार, आदि ।
1. प्रथम अवस्था में
- एकोनाइट 30, दिन में 4 बार
2. जब आंखों में लाली व दर्द बढ़ जाए और रोगी को रोशनी अच्छी न लगे ।
- बैलाडोना 30, दिन में 4 बार
3. आंखों से जलन पैदा करने वाला स्राव; नाक से बहुत पनीला स्राव, आंखें लाल ।
- यूफरेशिया 30, दिन में 4 बार
4. जब आंखों से गाढ़ा पीला स्राव आने लगे; खुली ठण्डी हवा में अच्छा लगे ।
- पल्साटिला 30, दिन में 4 बार
5. जब पल्साटिला से लाभ न हो; आंखें चिपकने लगें ।
- अर्जेंटम नाइट्रिकम 30, दिन में 4 बार
6. जब स्राव काफी मात्रा में, व गाढ़ा हो; रात्रि में रोग बढ़े।
- मर्क सौल 30, दिन में 4 बार
7. बायोकैमिक औषधि
- फैरम फॉस 6X व काली म्यूर 6X, 2–2 गोली गर्म पानी के साथ, दिन में 4 बार
थोड़ा बोरिक एसिड गर्म पानी में डाल कर रूई से आंखों को सेकें; यूफरेशिया Q गुलाब जल में 1 व 10 के अनुपात में मिला कर आंख में डालना लाभकारी है (यूफ्रेशिया आई ड्राप्स भी मिलती हैं) ।
निकट दृष्टिता (Myopia)
निकट की वस्तु दिखे परन्तु दूर की वस्तु ठीक प्रकार न दिखे तो यह दवा खास फायदा करती है ।
- फाइसोस्टिगमा 3X या 6, दिन में 3 बार
रतौंधी (Night Blindness)
रतौंधी : रात के समय बिल्कुल न दिखाई देना ।
यह रोग विटामिन ए और बी की कमी के कारण होता है। हरी साग सब्जियां, मक्खन आदि प्रचुर मात्रा में खायें।
1. सूर्यास्त से सूर्योदय तक ठीक प्रकार से न देख सकना।
- फाइसोस्टिगमा 3X या 6, दिन में 4 बार
2. मलेरिया के बाद रतौंधी की शिकायत ।
- चाइना 30, दिन में 4 बार
3. यकृत या जिगर (liver) की बीमारी के बाद ।
- नक्स वोमिका 30 दिन में 3 बार
4. अचानक तीव्र दर्द के साथ रोगी को रात में दिखना बंद हो जाता है ।
- लाइकोपोडियम 30, दिन में 3 बार
दिनौंधी (Day Blindness)
दिनौंधी : दिन में ठीक से न देख पाना ।
1. धुंधली दृष्टि; आंख के सामने काले बिंदु मंडराते हैं, शाम के समय और हाथों से आंख को ढक कर रोगी देख सकता है। अचानक बिजली कौंधने या बिजली गिरने से भी यह रोग हो सकता है।
- फॉस्फोरस 200 सप्ताह में एक बार
2. सूर्य की रोशनी सुहाती नहीं; दिन के समय कष्ट, आंख में दर्द; छुआ नहीं जाता ।
- साइलिशिया 30, दिन में 3 बार
3. दिनौंधी की उत्कृष्ट दवा ।
- बोथरॉप्स 30, दिन में 3 बार
मोतिया बिंद (Cataract)
आंख की पुतली के पीछे जो लैंस होता है वह प्रायः धुंधला पड़ने लगता है और धीरे-धीरे दिखना बंद हो जाता है। आख़िर में इसका ऑपरेशन कराना पड़ता है। अगर शुरू ही में इसके लिए होम्योपैथिक दवा ली जाए तो प्रायः ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती ।
1. चर्म रोग दब जाने से अगर मोतिया बिंद हो ।
- सल्फर 200 या 1M, महीने में एक बार
2. धुंधला दिखना; आंखों के ऊपर हाथ की छाया करने से अच्छी तरह दिखाई देता है। रोशनी के चारों तरफ हरा-हरा चक्कर दिखाई दे ।
- फॉस्फोरस 200 की एक खुराक एक सप्ताह में एक बार
3. ऐसा लगे जैसे कि आंख में रेत पड़ी हुई है; आंख को दबाने पर दर्द महसूस हो। मोतिया बिंद की ख़ास दवा ।
- कॉस्टिकम 30, दिन में 2 बार
4. बायोकैमिक औषधि
- कैल्केरिया फ्लोर 6x या 12x, दिन में 3 बार
प्रति दिन प्रातःकाल ठण्डे पानी से आंखों को धोना चाहिए। आंख में डालने की दवा सिनेरेरिया मैरीटिमा दिन में 2-3 बार 2-2 बूंद आंख में 5-6 महीने तक बराबर डालते रहना चाहिए।
मर्ज की शुरूआत से ही अगर यह दवा इस्तेमाल की जाए तो धुंधलापन ठीक हो जाता है। आराम न आने पर नेत्र विशेषज्ञ को दिखायें।
टेढ़ा देखना (Strabismus or Squint)
स्नायु की कमजोरी या अन्य किसी कारण से यह रोग हो सकता है ।
1. मुख्य औषधि ।
- जल्सेमियम 30, दिन में 3 बार
2. जल्सेमियम से आराम न आने पर ।
- साइक्लेमन 6, दिन में 3 बार
3. मस्तिष्क के रोगों की वजह से दृष्टि दोष ।
- हायोसाइमस 30, दिन में 3 बार
4. बायोकैमिक औषधि
- मैग फॉस 6X
रोगी की व्यक्तिपरक प्रकृति के लक्षणों के अनुसार दवा देने से फायदा होता है । किसी कुशल नेत्र चिकित्सक को दिखायें ।