लाइसिन | Lyssin

लाइसिन | Lyssin

असाधारण कामेच्छा के पलस्वरूप उत्पन्न होने वाले रोगोपस में (परित्याग करने से – कोनि) । मानसिक भावोद्वेग अथवा मनोधाती समाचार सर्वदा रोवृद्धिकारक होता है। सूर्य की गर्मी सहन नहीं कर सकता (जेल्सी, ग्लोना, लैके, नेट) ।

आक्षेप – जल अथवा दर्पण की चमचमाहट अथवा प्रतिफलित रोशनी से (स्ट्रामो); यहाँ तक कि किसी प्रकार के तरल पदार्थ के बारे सोचने पर भी; हल्के से स्पर्श अथवा हवा के झोंके से ।

सिरदर्द – कुत्ते के काटने से चाहे वह पागल हो या नहीं; जीर्ण मानसिक भावोद्वेग अथवा भ्रम से बहते हुए पानी की आवाज अथवा चमकते हुए प्रकाश से वृद्धि

लार – ठोस, रेशेदार, चिपचिपी, मुख और कण्ठ के अन्दर, साथ ही निरन्तर थूकते रहना (हाइड्रै) ।

कष्ठ-दाह, निगरण की निरन्तर इच्छा (लैक-कैनी, मर्क्यू)। निगरण में कठिनाई, यहाँ तक कि तरल पदार्थों के निगरण से ग्रासनली में ऐंठन प्रकट हो जाती है; पानी निगलते समय कण्ठरोध ।

बहते हुए पानी को देखने पर मूत्रत्याग की निरन्तर इच्छा (कैंथ, सल्फ) मूत्र अल्प मात्रा में, धूमिल, शर्करायुक्त ।

जरायुभ्रंश –  वर्षों पुरानी असंख्य रोगिणियाँ रोगमुक्त हुई हैं। योनि सम्बेदनशील, फलस्वरूप सम्भोग पीड़ाप्रद ।

सम्बन्ध – अलर्क रोग में बेला, कैंथ, हायोसा एवं स्ट्रामो से तुलना कीजिए ।

रोगवृद्धिबहते हुए पानी को देखने अथवा उसकी आवाज सुनने से; तेज, चमचमाते हुए प्रकाश से (स्ट्रामो); वाहन की सवारी से (काक्कू; वाहन की सवारी से आराम – नाइट्रि-एसिड ) ।

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