क्रोटेलस होरीडस | Crotalus Horridus

क्रोटेलस होरीडस | Crotalus Horridus

गण्डमालाग्रस्त, दुर्बल, रक्तस्रावी एवं जीर्ण-तन व्यक्तियों के लिये, कीटाणुओं द्वारा उत्पन्न रोगावस्थाओं के दौरान, शराबियों के लिये तथा छिद्रार्बुदों अथवा रक्तफोड़ों की प्रवृति पाई जाने पर इस औषधि का निर्देश रहता है (एन्थ्रा) । ऐसे रोगों के लिये जिनकी उत्पत्ति शरीर की पुरातन दुर्बलता के कारण होती है; मन्द विषाक्त टायफाइड अथवा मलेरिया ज्वर; जीर्ण मद्यात्यय; दुर्बल प्राण-शक्ति निपात की यथार्थ अवस्था ।

अपसन्यास अथवा रक्ताचात (apoplexy) – शराबियों, रक्तस्रावी अथवा जीर्ण-तन व्यक्तियों में रक्ताघाती आक्षेप (apoplectic convulsions) ।

रक्तस्रावी प्रवणता (hemorrhagic tiathesris) नेत्रों, कानों, नाक एवं शरीर के प्रत्येक द्वार से रक्तस्त्राव होता है; रक्तिम पसीना

नेत्रों की श्लेष्मकला का पीला रंग कनीनिकाशोथ (keratitis) अथवा कनीनिका परितारिकाशोथ (keratoiritis) के बाद दृष्टि स्वच्छ करती है।

सांघातिक पीलिया; यकृतपरक न होकर रक्तस्रावी ।

रक्तचित्तिता (purpura haemorrhagica); शरीर के प्रत्येक द्वार से, त्वचा, नाखूनों एवं मसूड़ों पर अकस्मात् प्रकट हो जाती है।

जिल्हा आग जैसी लाल, कोमल और चमकती हुई जैसे पोलिश की गई (पाइरो); अत्यधिक सूजी हुई।

दुर्दम रोहिणी अथवा रक्तज्वर, शोफ अथवा गलतोरणिका या गलतुण्डि- काओं की कोथग्रस्तता; रिक्त निगरण (empty swallowing) से पीड़ा; यदि वमन अथवा अतिसार प्रकट हो जाय ।

जीवनी-शक्ति का ह्रास; नाड़ी चलने की अनुभूति कठिनाई से हो पाती है; रक्त-विषण्णता (पाइरो) ।

वमन – पित्त-वमन के साथ अधीरता और दुर्बल नाड़ी; प्रत्येक माह ऋतुस्राव के बाद; दायें पार्श्व या पीठ का सहारा लेकर लेटने पर निरन्तर काला, हरा वमन गतिशील रहता है; काला अथवा कॉफी के चूर्ण जैसा, पीत ज्वर का ।

अतिसार – मल काला, पतला, कॉफी के चूर्ण जैसा दुर्गन्धित खाने-पीने में किसी प्रकार के विषाक्त पदार्थ के कारण; अधिक मदिरा पीने से (पाइरो); पीतज्वर, विसूचिका, आंत्रिक ज्वर एवं मोह ज्वर के दौरान ।

आन्तों से होने वाला रक्तस्राव, जब उसकी उत्पत्ति किसी विशिष्ट विषाक्त अथवा कीटाणुओं द्वारा उत्पादित रोग के फलस्वरूप होती है ।

चीर-फाड़ द्वारा किये गये घाव कीट-दंश; टीका लगने के दुष्परिणाम ।

अपथप्रवृत्तार्तव (vicarious menstruation); दुर्बल व्यक्तियों में (डिजिट, सोरा) |

रजोनिवृत्ति – तीव्र तमतमाहट एवं शरीर को भिगो देने वाला पसीना; मूर्च्छा एवं आमाशय के अन्दर खोखलेपन की अनुभूति; दीर्घकालीन अत्यार्तव (prolonged metrorrhagia ); रक्त काला, तरल, रक्त काला, तरल, दुर्गन्धित; अत्यधिक रक्ताल्पता । जरायु के दुर्दम रोग, रक्तस्राव की भारी प्रवृत्ति, रक्त काला, तरल, दुर्गन्धित ।

सम्बन्ध

  • इलैप्स, लैके, नैजा, पाइरो से तुलना कीजिए ।
  • लैके में त्वचा ठण्डी और चिपचिपी रहती है; क्रोटे में त्वचा ठण्डी और शुष्क रहती है; इलैप्स में दायें फुफ्फुस को आक्रान्त करने वाले रोग आते हैं, काले रक्त का बलगम निकलता है ।

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