चेलिडोनियम मेजस | Chelidonium Majus
हल्के रंग-रूप वाले व्यक्ति; सुनहले केशों वाली, दुबली-पतली, चिड़चिड़े स्वभाव की स्त्रियाँ; यकृत, पाकाशय एवं उदर के रोगों से पीड़ित व्यक्ति (पोडो); प्रत्येक आयु, लिंग एवं स्वभाव ।
दायें स्कन्धफलक के अधः एवं अन्तः कोण के नीचे निरन्तर पीड़ा (काली-कार्बो, मर्क्यू; बायें स्कन्धफलक के नीचे – चेनेपो, सेंग्वी) ।
ऐसे रोग जिनकी उत्पत्ति अथवा पुनरावृत्ति जलवायु परिवर्तन के कारण होती है (मर्कयू) दोपहर का भोजन करने के बाद रोगावेग हल्का पड़ जाता है।
जिह्वा पर मोटी पतली परत जमी रहती है, किनारे लाल रहते हैं, जिन पर दान्तों के निशान पड़े रहते हैं (पोडो; बड़ी, थुलथुली होने के साथ दन्तचिन्हों से अंकित – मर्कयू) ।
अत्यधिक गर्म पेय पदार्थों के सेवन की इच्छा, अन्यथा लगभग उबलता हुआ आमाशय उन्हें रोक नहीं पायेगा (आर्से, केस्क)।
सावधिक चक्षुगह्वरसूल (दाईं ओर), साथ ही विपुल अधुपात आँसू सवेग बाहर निकलते हैं (रस-टा) ।
मलबद्धता – मल कठोर, गेंद की तरह गोल, भेड़ की मैंगनी जैसा (ओपि, प्लम्ब) मलबद्धता एवं अतिसार का पर्यायक्रम ।
अतिसार – रात के समय; चिकना, हल्का भूरा; चमकता हुआ पीला; कत्थई रंग का या सफेद, पनीला, गोंद जैसा चिपकने वाला; अनैच्छिक ।
चेहरा, माथा, नाक, गाल अत्यधिक पीले, त्वचा का पीला-भूरा रंग; चर्म बिखरा हुआ; हथेलियों का (सोपिया) ।
यकृत-विकार; पीलिया, दायें कन्धे में पीड़ा । दायें फुफ्फुस का निमोनिया, यकृतोपसर्ग (मक्यू) ।
उद्वेष्टकारी खाँसी; खाँसते समय मुख से बलगम के छोटे-छोटे कण उड़कर बाहर निकलते हैं (बाडि, काली-कार्बो) ।
दायें पार्श्व को अधिक प्रभावित करती है; बाई आंख, दायां फुफ्फुस, दायाँ अधिजठर एवं उदर; दायाँ पैर बर्फ जैसा ठण्डा, बायाँ सामान्य (लाइको) ।
पुराने, सड़े-गले, फैलने वाले व्रण, साथ ही यकृत रोग अथवा यक्ष्मा की प्रवणता का इतिहास । पित्तारम (gallstone), साथ ही बायें स्कन्ध फलक (shoulder-blade ) के नीचे पीड़ा (पित्ताश्मशूल के भयंकर दौरे – कार्डु-मैरि) ।
सम्बन्ध –
- यकृतोपसर्गों में चेलिडो ब्रायो के अपव्यवहार की प्रतिषेधक औषधि है।
- ऐकोना, ब्रायो, लाइको, मक्यूं, नक्स, सैग्वी, सीपिया और सल्फर से तुलना कीजिए ।
- इस औषधि के बाद आर्से, लाइको एवं सल्फ की उत्तम क्रिया होती है तथा पूर्ण आरोग्यलाभ के निमित्त इनकी आवश्यकता बहुतायत से पड़ेगी।