साइक्लामेन यूरोपियम | Cyclamen Europabum
रक्ताल्पता अथवा हरित पाण्डु रोग से पीड़ित कफ प्रकृत्ति वाले व्यक्तियों के लिये सर्वाधिक उपयोगी सहज ही थक जाते हैं, फलस्वरूप किसी प्रकार का परिश्रम करने की इच्छा नहीं होती; अंगों अथवा विशिष्ट ज्ञानेन्द्रियों की दुर्बलता अथवा रुद्ध क्रिया ।
ऋतुस्राव की गड़बड़ी (फेरम, पल्सा) के साथ चक्कर, सिरदर्द मन्द दृष्टि ।
दर्द – उन भागों में दबावशील, खिचावदार या फाड़ता हुआ दर्द, जहाँ अस्थियां चर्म-तल के निकट स्थित रहती हैं।
ऐसे रोग, जिनकी उत्पत्ति दबे हुए शोक सन्ताप एवं मानसिक भय के
कारण होती है; अपने कर्त्तव्य का पालन न करने अथवा किसी प्रकार का अपराध करने के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले रोग ।
अत्यधिक उदासी और चिड़चिड़ापन, उत्तेजनाशील, दुःखी, अभद्र व्यवहार करने वाला, रोने की इच्छा करता है; एकान्त चाहता है; खुली हवा से घृणा (पल्सा के विपरीत) ।
रक्ताल्प रोगियों में सिरदर्द के साथ प्रातः काल आंखों के सामने चिनगारियां दिखाई देती हैं, दृष्टि धुंधली हो जाती है।
आंखों के आगे विभिन्न प्रकार की चिनगारियाँ दिखाई देती हैं, जो कभी रंग विरंगी आग की चिनगारियों जैसी तो कभी चमकती हुई सुइयों जैसी प्रतीत होती हैं; दृष्टि इस प्रकार धुंधला जाती है जिससे लगता है मानो आंखों के आगे कुहरा या धुआं छाया हुआ हो।
दो-चार प्रास खाने के बाद ही तृप्ति हो जाती है (लाइको), उसके बाद भोजन से घृणा हो जाती है और कण्ठ एवं तालु में मितली होने लगती है । लार एवं भोजन दोनों का ही नमकीन स्वाद होता है। सुअर का मांस अरुचिकर लगता है |
ऋतुस्त्राव — नियत समय से बहुत पहले; विपुल परिमाण में काला और
थक्केदार, झिल्लीमय (नियत समय के बाद बहुत देर से, पीला, अल्प परिमाण में पल्सा); खाव के दौरान लक्षणों में ह्रास (वृद्धि – एक्टि, पल्सा) ।
खुली हवा में बैठे रहने, खड़े रहने अथवा चलते रहने से एड़ियों में जलन एवं दाहक पीड़ा (एगारि, कास्टि, वैले, फाइटो ) ।
सम्बन्ध –
- हरित पाण्डु एवं रक्ताल्पता जैसी रोगावस्थाओं में पल्सा, सिन्को और फेरम से तुलना कीजिये
- उदर के अन्दर किसी सजीव वस्तु की अनुभूति होने पर क्राकस एवं पूजा से तुलना कीजिए।
रोगवृद्धि – खुली हवा; ठण्डा पानी शीतल स्नान बैठे रहने तथा रात को लेटने पर ऋतुस्राव में वृद्धि ।
रोगह्रास – गर्म कमरे में; कमरे के अन्दर; चलने पर ऋतुस्राव में कमी (प्रदरस्त्राव बैठे रहने पर बढ़ता है, चलते समय कम होता है- कैक्ट, काक्कू) ।