एग्नस केस्टस | Agnus Castus

एग्नस केस्टस | Agnus Castus

लसीका प्रधान व्यक्तियों के लिये उपयोगी । अन्यमनस्क, सोच-विचार की शक्ति घट जाती है; पिछली बातों को स्मरण नहीं कर सकता; दो बार पढे बिना किसी वाक्य को समझ नहीं सकता (लाइको, फास्फो एसिड, सीपिया) ।

ध्वजभङ्ग और पुराने सुजाक वाले “पुराने पापी” स्नायविक दुर्बलता भोगने वाले अविवाहित व्यक्ति ।

समय से पहले ही बुढ़ापा – अन्यमनस्कता, विरक्ति, मानसिक संताप, अपने आपको धिक्कारता है; उन नवयुवकों में, जिन्होंने अपनो काम शक्ति अत्यधिक अपव्यवहार किया हो; अत्यधिक वीर्यपात के कारण ।

पूर्ण नपुंसकत्व – जननेन्द्रिय शिथिल, दुर्बल और शीतल न तो काम शक्ति ही रहती है और न ही इच्छा होती है (कैलेडियम, सेलीनियम) ।

प्रमेह के पुनरावर्ती आक्रमण होने के कारण होने वाला ध्वजभङ्ग अथवा नपुंसकत्व ।

दबे हुए प्रमेह के दुष्प्रभाव (मेडोर) ।

पुराने सूजाक (ग्लीट) के साथ न तो कामेच्छा होती है और न लिंग में कडापन ही आता है।

श्वेत प्रदर – पारदर्शक स्राव होता है, लेकिन कपड़े पर पीला दाग पड़ है अधिक शिथिल भागों से अनजाने ही निकला करता है।

स्तन का दूध पिलाने वाली स्त्रियों में या तो दूध थोड़ा होता है अथवा दूध बनना ही बन्द हो जाता है (एसाफीटिडा, लैक-कैनी, लैक-डिफ्लो), इसके साथ ही प्रायः बहुत उदासी रहती है; कहा करती है कि वह मर जायेगी

नाक के आगे काल्पनिक गन्ध आने की शिकायत जैसे हेरिंग नामक समुद्री मछली की या कस्तूरी की गन्ध हो ।

चलने-फिरने से त्वचा छिल जाने जैसे उपसर्गों को रोकती है ।

सम्बन्ध – जनेनन्द्रिय की दुर्बलता और नपुंसकता में एग्नस के बाद कैलेडि और सेलीनि की उत्तम क्रिया होती है।

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