प्लम्बम | Plumbum

प्लम्बम | Plumbum

मेरुमूलक रोगों के लिए उपयोगी (फास्फो, पिक-एसिड, जिंक) । सार्वदेहिक अथवा आंशिक पक्षाघात; अतिशय, साथ ही रक्ताल्पता और भारी दुर्बलता ।

मेरुजाल की कठोरता के कारण पेशियों का अपक्षय । आलस; अनेक व्यक्तियों से पूर्णतया भरे हुए कमरे के अन्दर जाते ही मूर्च्छा ।

मन्द बोधगम्यता मानसिक निष्क्रियता धीरे-धीरे बढ़ती हुई उदासीनता (ज्वरावस्थाओं में फास्फो-एसिड) । स्मरणशक्ति की दुर्बलता या उसका अभाव उचित शब्द का प्रयोग करने में असमर्थ ( एनाका, लेक-कैनी)।

शूल के साथ प्रलाप का पर्यायक्रम विस्तरे में विचित्र भावभंगिमायें बनाता है और अनोखे ढंग से लेटता है ।

चेहरा मुरझाया हुआ, राख जैसे रंग का, पीला, शवतुल्य, गाल धँसे हुए भारी अधीरता और कष्ट का द्योतक । चेहरे की त्वचा ग्रीस जैसी चमकदार (ने-म्यूरि, सैनीक्यू)।

मसूढ़ों के किनारे-किनारे एक स्पष्ट नीली रेखा; मसूढ़े सूजे हुए, पीले, जिन पर सीसे के रंग जैसी रेखा दिखाई देती है ।

उदर के अन्दर अत्यधिक पीड़ा, जो शरीर के प्रत्येक भाग में फैल जाती है। रात को उदर के अन्दर एक ऐसी अनुभूति होती है, जिसके फलस्वरूप रोगी को कई घण्टों तक शरीर को बलपूर्वक फैलाना पड़ता है; प्रत्येक दिशा को फैलाना आवश्यक (ऐमीले-नाइ) ।

प्रचण्ड उदरशूल, ऐसी अनुभूति होती है जैसे उदर-प्राचीर को किसी रस्सी द्वारा मेरुदण्ड की ओर खींचा जा रहा हो ।

उदरपेशियों की उलझन साथ ही उदरशूल और विष्ठा जैसा वमन आंत्रवृद्धि, जवास्थिमूलक, ऊरुसन्धिनरक अथवा नाभि-सम्बन्धी ।

मलबद्धता मल कठोर, पिण्डल, भेड़ की मेंगनी जैसा काला (चेलिडो, ओपि); साथ ही मलत्याग की इच्छा और मलद्वार की ऐंठन के कारण असह्य पीड़ा मल की कठोरता, स्रावों की रूक्षता पक्षापात अथवा पेशियों की निष्क्रिय अवस्था के कारण मलावरोध; सगर्भकालीन; मल की कठोरता के कारण; जब प्लैटीना असफल सिद्ध होती है ।

वृक्कशोथ – शूल प्रकृति की पीड़ा; उदर धंसा हुआ; द्रुत कृशता; अत्यधिक दुर्बलता सिकुड़ा हुआ वृक्क ।

लगता है जैसे जरायु के अन्दर भ्रूण के लिए स्थान का अभाव है। जरायु फैल नहीं पाता, गर्भपात की आशंका ।

ऐंठन – क्षेपक, तानक, मस्तिष्क के संयोजक सन्तुओं की कठोरता अथवा अर्बुद के कारण अपस्मार अथवा अपस्मार-रूप आक्षेप ।

पीली त्वचा – रजोनिवृत्तिकालीन वर्षों में गहरे कत्थई रंग के ” यकृत जैसे धब्बे” पीलिया, नेत्र, त्वचा और मूत्र पीला ।

सम्बन्ध

  • उदरशूल में एलूमि, प्लैटी, ओपि से तुलना कीजिये ।
  • नाभि धँस जाने पर पोडो से तुलना कीजिये ।
  • आंत्रवृद्धि में नक्स से तुलना कीजिये ।
  • प्लम्ब्म के दुष्प्रभाव के लिए एलूमि, पेट्रो, प्लेटी, सल्फ्यू-एसिड और जिंक प्रतिषेधक औषधि है।

रोगवृद्धि – रात को (अंगों में पीड़ा) ।

रोगह्रास – रगड़ने से कठोर दबाव से ।

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