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सेबाइना | सेबाडिल्ला | सेम्बूकस नाइग्रा

सेबाइना | Sabina स्त्रियों को आक्रान्त करने वाले जीर्ण रोग सन्धिवाती दर्द: गर्भस्राव की प्रवृत्ति प्रमुखतया तीसरे महीने । संगीत सहन नहीं होता, स्नायविकता उत्पन्न करता है, अस्थि एवं मज्ज को झकझोर देता है (रुलाई आ जाती है – थूजा) । कमर के निचले भाग में खिचावदार पीड़ा, त्रिकास्थि से जघनास्थियों तक, लगभग सभी रोगों […]

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रूटा ग्रेवियोलेन्स | Ruta Graveolens

रूटा ग्रेवियोलेन्स | Ruta Graveolens कण्ठमालापरक अध्यस्थिता (Scrofulous edosfosis); अस्थियों एवं अस्थ्यावरण के नील एवं अन्य यांत्रिक क्षतिग्रस्ततायें मोच अस्थ्यावरणशोथ; विसर्प, अस्थिभंग, और विशेष रूप से अस्थियों की स्थानच्युति (सिम्फा) । सारे शरीर में कुचलन और खंजता की अनुभूति, जैसे गिर जाने अथवा किसी चोट के कारण होती है; हाथ-पैरों और सन्धियों में अधिक (आर्नि)

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रूमेक्स क्रिस्पस | Rumex Crispus

रूमेक्स क्रिस्पस | Rumex Crispus यक्ष्मा रोग के लिए, त्वचा एवं श्लेष्मकलायें अतिसम्वेदनशील । खुली हवा के प्रति भारी सम्वेदनशीलता; कण्ठ की कर्कशता; सायंकालीन वृद्धि; सर्दी लग जाने के बाद; स्वर अनिश्चित । कण्ठ गह्वर के अन्दर गुदगुदी, फलस्वरूप शुष्क, कष्टदायक खाँसी । शुष्क, अविराम, थका देने वाली खाँसी; वायु अथवा कमरा बदलने से बुद्धि

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रस टाक्सिकोडेण्ड्रान | Rhus Toxicodendron

रस टाक्सिकोडेण्ड्रान | Rhus Toxicodendron आमवात प्रवण व्यक्तियों के लिये उपयोगी; भीग जाने का कुफल, विशेष रूप से जब शरीर अधिक तपा हुआ रहता है । ऐसे रोग जिनकी उत्पत्ति किसी मांसपेशी अथवा पुट्ठे पर मोच आ जाने अथवा शरीर के किसी भाग पर अधिक दबाव पड़ने के फलस्वरूप होती है (कल्के, नक्स) । अधिक

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रटेनिया | रेननकुलस | रियूम | रोडोडेण्ड्रान

रटेनिया | Ratanhia गर्भावस्था के प्रारम्भिक महीनों में तीव्र दन्तशूल; दान्त लम्बा महसूस होता है, लेटने से दर्द बढ़ता है, अतः रोगी को उठकर टहलना पड़ता है। मलबद्धता – मल कठोर, जिसे बाहर निकालने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है; रक्तार्श बाहर की ओर लटक जाते हैं, तदुपरान्त मलद्वार में बहुत समय तक कसक,

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पाइरोजीन | Pyrogin

पाइरोजीन | Pyrogin रक्तदोष अथवा प्रतिजीवरक्तता के लिए चाहे वह प्रसव सम्बन्धी हो अथवा शल्य क्रिया सम्बन्धी हो या खाद्य विषण्णता अथवा मलसुरंग की गैस के कारण हो; रोहिणी, आंत्रिकन्वर अथवा सन्निपात ज्वर के दौरान जब सुनिर्वाचित औषधियाँ आरोग्यलाभ करने में असफल पाई जाती हैं अथवा उनसे स्थाई लाभ नहीं होता । शय्या कठोर प्रतीत

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पल्साटिला | Pulsatilla

पल्साटिला | Pulsatilla निर्णयविहीन, मन्द, कफ प्रकृति के व्यक्तियों के लिये उपयोगी भूरे केश, नीले नेत्र, पीला चेहरा, सहज ही हँसना और रोना आ जाता है; प्रेमी, सौम्य, भद्र, भीर, समर्पणशील स्वभाव स्त्री रोगों के लिए प्रयुक्त की जाने वाली औषधि । स्त्री एवं बाल रोगों में विशेष उपयोगी । सहज ही रो पड़ती है

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सोराइनम | Psorinum

सोराइनम | Psorinum कच्छुविष से प्रभावित शारीरिक गठन के लिये विशेष उपयोगी । जीर्ण रोगावस्थाओं में जब सुनिर्वाचित औषधियाँ आराम देने में असफल सिद्ध होती हैं अथवा स्थाई लाभ नहीं दे पाती (तरुण रोगों में – सल्फ) जब सल्फर के प्रयोग का निर्देश रहता है किन्तु उसकी असफल क्रिया पाई जाती है । उग्र तरुण

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प्लम्बम | Plumbum

प्लम्बम | Plumbum मेरुमूलक रोगों के लिए उपयोगी (फास्फो, पिक-एसिड, जिंक) । सार्वदेहिक अथवा आंशिक पक्षाघात; अतिशय, साथ ही रक्ताल्पता और भारी दुर्बलता । मेरुजाल की कठोरता के कारण पेशियों का अपक्षय । आलस; अनेक व्यक्तियों से पूर्णतया भरे हुए कमरे के अन्दर जाते ही मूर्च्छा । मन्द बोधगम्यता मानसिक निष्क्रियता धीरे-धीरे बढ़ती हुई उदासीनता

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प्लेटीना | Platina

प्लेटीना | Platina स्त्रियों के लिये उपयोगी, काले केश, कठोर तन्तु दुबली-पतली, रक्तप्रधान प्रकृति वाली; जो नियत समय से पहले एवं विपुल परिमाण में होने वाले ऋतुस्राव से पीड़ित रहती हैं। जननेन्द्रियाँ अत्यधिक सम्बेदनशील वस्त्र तक का स्पर्श भी सहन नहीं कर सकती; जांच करने पर शरीर ऐंठ जाएगा; रतिक्रिया के दौरान भग में पीड़ा;

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