मुंह, जीभ, दांत के रोगों का होम्योपैथिक इलाज
जीभ व मुंह के अन्दर छाले व जख़्म (Aphthae)
साधरणतः पेट खराब होने की वजह से जीभ में छाले पड़ जाते हैं ।
1. मुंह में सूजन, बहुत लार गिरना, जीभ मोटी हो जाए ।
- मर्क सौल 30, दिन में 3 बार
2. जब तेजाब (Hyperacidity) के कारण मुंह में बार-बार छाले हों ।
- एसिड सल्फ 30, दिन में 3 बार
3. बच्चों के मुंह में छाले ।
- बोरैक्स 30 दिन में 3 बार
4. मुंह में छाले, जिन में बहुत दर्द हो ।
- हिपर सल्फ 30, दिन में 3 बार
5. मुह के छाले
- एसिड सल्फ 30, बोरेक्स 6, मर्कुरिस 6, दिन में 3 बार सेवन करें
6. बायोकैमिक औषधि
- नैट्रम म्यूर 6X, 2-4 गोली दिन में 3 बार
हाइड्रेस्टिस Q तथा ग्लिसरीन 1 व 10 के अनुपात में मिला कर छालों पर लगाएं। हल्का भोजन लें। बायोकैमिक औषधि नैट्रम फॉस 6X व काली म्यूर 6X मिलाकर देने से विटामिन बी कॉम्पलैक्स की कमी की पूर्ती होती है व छालों में आराम मिलता है ।
मसूड़ों के रोग (Diseases of the Gums )
1. मसूड़ों से खून आना, ठंडा और गर्म पानी का लगना ।
- मर्क सौल 30, दिन में 3 बार
2. मसूड़ों में लाल रंग के फोड़े हों, जिनमें दर्द हो ।
- बैलाडोना 30, दिन में 3 बार
3. पायोरिया (Pyorrhoea) के लक्षण (मसूड़ों से खून और बदबू आए); केवल ख़ून आए ।
- कार्बो वेज 3X, दिन में 3 बार
4. मसूड़ों से खून आए व जलन हो ।
- आर्सेनिक एल्ब 30, दिन में 3 बार
5. मसूड़ों से मवाद आए और ठंडी हवा लगने से या ठंडा पेय लेने से दर्द बड़े ।
- हिपर सल्फ 30 दिन में 3 बार
6. जब मसूड़ों से मवाद बहुत पुराना चला आ रहा हो ।
- साइलीशिया 30 दिन में 4 बार
भुना हुआ सुहागा पीस कर शहद में मिला कर मसूड़ों पर लगाने से लाभ होता है । कीकर की दातुन भी फायदेमंद है ।
पायोरिया (Pyorrhoea)
जब मसूड़ों के घाव पुराने पड़ जाते हैं तो उनमें दर्द तो नहीं होता मगर मसूड़ों से मवाद निकलता रहता है। इस मवाद के पेट में जाने के कारण पेट में अक्सर गड़बड़ हो जाती है ।
1. पायोरिया की मुख्य औषधि ।
- कैलेंडुला 30, दिन में 3 बार
2. मसूड़े फूले हुए, उनमें दर्द होता है। ठंडी या गर्म वस्तु पीने से आराम होता है ।
- साइलीशिया 30 या 6X दिन में 3 बार
3. मुख्य दवा
- कार्बो वेज 3 X, दिन में 4 बार
4. जब मुंह से बदबू आए व दांत ढीले हो जाएं ।
- काली कार्ब 30, दिन में 3 बार
5. दांतों में सड़न (caries) व मुंह से बदबू आए; गंदा खून निकले।
- क्रियोजोट 30 दिन में 3 बार
6. जब मसूड़े काले या लाल हों, बदबू आए; मुंह से बदबूदार लार आए, मसूड़ों से खून आए ।
- बैप्टिशिया 6 या 30, दिन में 3 बार
7. पायरिया
- कार्बोवेज 30, एचिनेशिया 30; दिन में 3 बार ।
- हेक्ला लावा 3X; 10 – 10 बूंद दिन में 2 बार सेवन करें ।
- सालिशिया 6X, कल्केरिया सल्फ 6X, कुछ समय बाद सालिशिया, कल्केरिया सल्फ की 6X शाक्ति के स्थान पर 30 प्रयोग करनी चाहिये उसके बाद 200 शक्ति.
कैलेण्डुला Q एक हिस्सा 10 हिस्से पानी में मिला कर कुल्ला करना चाहिए। होम्योपैथिक टूथ पाउडर जिनमें क्रियोजोट व कुछ बायोकैमिक औषधियाँ हों, फायदेमंद हैं।
दन्त क्षय (Caries of the teeth)
1. दाँत की जड़ व मसूड़ों में नासूर हो जाए; ठण्डक से आराम मिले ।
- एसिड फ्लोर 30 या 200, दिन में 3 बार
2. दाँत में जल्दी कीड़ा लगे और दाँत काले पड़ जाएं।
- स्टेफिसएग्रिया 30 या 200, दिन में 3 बार
3. दूध के दाँतों में ही कीड़ा लग जाए । दाँत पहले पीला व बाद में काला हो जाए ।
- क्रियोजोट 30 या 200, दिन में 3 बार
4. कीड़ा लगकर दाँत में घाव हो जाए मसूड़ो में घाव व फोड़े हो जाएं ।
- हैकला लावा 30 या 200, दिन में 3 बार
5. हर प्रकार के दंतशूल में लाभदायक औषधि ।
- प्लैण्टेगो 30 या 200, दिन में 3 बार
6. दाँत दर्द; जरा स स्पर्श से लगे कि जान निकल जाएगी पर दाँत पर दाँत रख कर जोर से दबाने पर आराम आए ।
- चाइना 30 या 200 दिन में 3 बार
7. दाँत का दर्द; ठण्डा पानी मुँह में रखने से घट जाए ।
- कॉफिया 30 या 200, दिन में 3 बार
8. गर्म चीजें पीने से दाँत का दर्द बढ़े ।
- कैमोमिला 30 या 200, दिन में 3 बार
9. दाँत की जड़ में फोड़े, गरम सेक से आराम मिले, ठंडी हवा सहन न हो। काफी समय से चले आ रहे नासूर जो ठीक होने में न आते हों ।
- साइलिशिया 6x या 30, दिन में 3 बार
10. दाँत हिले व जरा सा कुछ लगते ही असहनीय दर्द हो ।
- कैल्केरिया फ्लोर 6x या 30, दिन में 3 बार
जीभ एक इन्द्रिय है। यह स्वाद लेने में अथवा बोलने में सहायक होती है। पाचन क्रिया में गड़बड़ होने से जीभ पर अनेक विकार हो जाते हैं। रोग का निर्णय करने में जीभ परीक्षा सहायक होती है ।
स्वस्थ अवस्था में जीभ सरस और निर्मल रहती है। बुखार में जीभ सूख जाती है, कब्ज आदि में लाल रंग की, कमज़ोरी में सफेद । पाकाशय की या पाचन क्रिया की गड़बड़ में जीभ पर सफेद लेप सा चढ़ा रहता है। भोजन ठीक से न पचने पर जीभ पर छाले हो जाते हैं। जीभ काली हो जाना कुलक्षण माना जाता है, यह शरीर में कोई भयंकर रोग दर्शाता है ।
जीभ की सूजन (Glossitis)
जीभ फूली हुई, रंग लाल ; जीभ में दर्द; खाने में व निगलने में तकलीफ, बोलने में कष्ट, सर्दी लगना, घाव, कमजोरी, अधिक गर्मी, छोटे-छोटे जख्म, आदि, इस रोग के कारण हो सकते हैं ।
1. जीभ के जख्मों की रामबाण दवा ।
- मर्क बिन आयोड 3X, दिन में 3 बार
2. जब जीभ के जख्मों में काफी दर्द हो ।
- एसिड नाइट्रिक 30, दिन में 4 बार
3. जीभ में दर्द, सूजन, ज़ख़्म, व अधिक लार आए ।
- मर्क सौल 30, दिन में 3 बार
4. हाइड्रैस्टिस Q, ग्लिसरीन में (1:10 के अनुपात) मिला कर लगायें।
5. बायोकैमिक औषधि
- काली म्यूर 6X, दिन में 3-4 बार लेने से फायदा होता है।
दांत का दर्द (Toothache)
अजीर्ण, सर्दी लगना, मौसम बदलना, गर्म पेय के बाद तुरन्त ठंडा पीना, दांतो में गंदगी रहना, सड़न, कीड़े लगना, वात दर्द, चोट, आदि कारणों से भी दांत दर्द हो सकता है। पहले कारण दूर करने की औषधि दें और फिर दर्द के लिये ।
1. दाँत दर्द की मुख्य दवा ।
- प्लाण्टेगो 30 दिन में 3 बार (प्लाण्टेगो Q दांत पर लगाएं)
2. जब ठंड से या ठंडा पानी पीने से दर्द बढ़े ।
- साइलिशिया 30, दिन में 3 बार
3. जब चबाने से दर्द बढ़े ।
- स्टेफिसगेरिया 30, दिन में 3 बार
4. जब दांत दर्द गर्म खाने-पीने से बढ़े ।
- कॉफिया 30, दिन में 3 बार
5. मसूड़ों की जड़ों में लाल रंग के फोड़े होने से दर्द ।
- बैलाडोना 30, दिन में 3 बार
6. कॉफिया की तरह दांत दर्द, गर्म खाने पीने से दर्द बढ़े ; रोगी बहुत चिड़चिड़ा हो ।
- कैमोमिला 30, दिन में 3 बार
7. जब दांत सड़ने (caries) की वजह से दर्द हो ।
- क्रियोजोट 30, दिन में 3 बार
8. मसूड़ों में मवाद के कारण रात में दर्द ज़्यादा हो ।
- मर्क सौल 30, दिन में 3 बार
9. कॉफी व शराब पीने के कारण दांत दर्द ।
- नक्स वोमिका 30, दिन में 3 बार
10. गर्म चीज़ों के प्रयोग से दर्द घटे ।
- मैग्नेशिया फॉस 6X, दिन में 4 बार
11. मसूड़े दांतों से अलग हो जाएं, मसूड़ों से बहुत खून आए ।
- कार्बो वेज्र 3X, दिन में 4 बार
12. मसूड़ो में फोड़ा, जबड़े में सूजन व दर्द हो ।
- हैक्ला लावा 3x या 6x, दिन में 3 बार
13. मुह का स्वाद
- नेट्रम फास 30X, नेट्रम सल्फ 30X
14. मुह का स्वाद
- नक्स वाम 30, ग्रेफाइटिस 30, आर्निका 30; बराबर मात्रा में मिला कर मिश्रण तैयार करे और उसकी 3 – 3 बूंद दिन में 3 बार सेवन करें ।