चोट, बेहोशी, जलना का होम्योपैथिक इलाज
चोट लगना (Injury)
1. सिर में चोट लगने पर ।
- पहले आर्निका 200 की 3 खुराक व
- बाद में नैट्रम सल्फ 200 की कुछ खुराक दें
2. अचानक चोट लगना, लड़ाई-झगड़ा, मारपीट के बाद।
- आर्निका Q की 1५-20 बूंद एक चौथाई कप गर्म पानी में मिलाकर उसमें कपड़ा भिगो कर चोट की जगह साफ करें
- घी या तेल में हल्दी पका कर गर्म पट्टी चोट पर बांधने से भी आराम आता है।
- आर्निका 200 या 1M की 3 खुराक
3. चोट के कारण जख़्म
- यदि जख्म बड़ा हो तो डॉक्टर से टांके लगवाएं।
- फेरम फॉस 1X या 3X का पाऊडर ज़ख़्म पर छिड़क कर कैलेण्डुला Q या मरहम, से पट्टी करें
4. खून (चोट आदि के कारण) बहना रोकने के लिए बर्फ या ठंडे पानी की पट्टी बांधनी चाहिए ।
- कैलेन्डुला Q, ठंडे पानी में मिलाकर पट्टी करें
5. तेज चाकू, छुरी आदि से कटने के कारण खून बहना रोकने के लिए ।
- स्टेफिसगेरिया Q की पट्टी करें व 30, खायें
6. नसों की चोट व सुई, पिन व कील आदि चुभने से जब खून कम निकले मगर दर्द ज़्यादा हो ।
- हाइपैरिकम Q की पट्टी करें व 200 पोटेन्सी दिन में 3 बार खायें
7. हड्डी टूटने पर
- एक्स-रे करा कर प्लास्टर अवश्य करायें ।
- सिम्फाइटम 3X या 6, दिन में 3 बार दें साथ में कैल्केरिया फॉस 6X दिन में 3 बार दें
8. जब चोट या भय के कारण रोगी बेहोश हो जाये एवं शरीर ठण्डा हो जाये ।
- कैम्फर Q, ५-५ बूंद, हर 10 मिनट के अन्तर से दें
9. बेहोशी में जब कैम्फर Q देने से गर्मी न आये।
- कार्बो वेज 6 या 30, हर 10-1५ मिनट बाद दें
10. यदि बेहोशी व ठण्ड कार्बो वेज से भी ठीक न हो तो ।
- विरेट्रम एल्ब 6, या 30, हर 10-1५ मिनट के अन्तर से दें
11. मोच आना
- पहले आर्निका 200 की 2-3 खुराक दें
- बाद में रूटा 30 दिन में 3 बार दें
12. कुन्द वस्तु से गुम आघात
- रूटा 30, दिन में 3 बार
गुम आघात या मोच वाली जगह को गर्म पानी में नमक मिलाकर सेकने से अराम आता है।
कीड़े या किसी जानवर का काटना (Insect or Animal Bites)
ततैया, बिच्छू, भौरां या मधुमक्खी, आदि के काटने पर पहले सावधानी पूर्वक डंक निकाल देना चाहिए। फिर स्पिरिट आफ कैम्फर रूई में भिगो कर उस जगह पट्टी बांध देनी चाहिए ।
1. ततैया, बिच्छू आदि के काटने पर पहले डंक निकालें फिर कैलेण्डुला या इचिनेशिया Q की पट्टी करें ।
- एपिस 30, हर 1-2 घंटे के अन्तर से 3-4 खुराक
2. मधुमक्खी के काटने पर ।
- एसिड कार्बोलिक 6 या 30, दिन में 3 बार
3. पागल कुत्ते, बिल्ली, गीदड़, आदि के काटने पर (अस्पताल जाकर टीके लगवाए) ।
- हाइड्रोफोबिनम 200, 3 खुराक दें व बाद में बैलाडोना 30, दिन में 3 बार दें
आग से जलना (Burns)
कपड़ों में आग लग जाने पर कभी भागना नहीं चाहिए; बल्कि फौरन लेट जाना चाहिए और दरी, कंबल, चादर या कुछ मोटा कपड़ा जो भी मिले उससे फौरन ढक देना चाहिए। चूने के पानी में नारियल का तेल मिला कर जले हुए स्थान पर लगाना चाहिए। कुछ सुविधा होने पर कैन्थेरिस Q और पानी एक और दस के अनुपात में मिला कर लगाना चाहिए। ज़्यादा जल जाने पर प्राथमिक उपचार करने के बाद मरीज को फौरन अस्पताल ले जाना चाहिए।
1. मुख्य दवा; जब बेहद जलन हो ।
- कैन्थेरिस 6 या 30, हर 2 घंटे बाद
2. जब ज़्यादा जलने के कारण जख्म हो जायें ।
- कैलेण्डुला Q, पानी में मिला कर साफ करें
3. जब ज़्यादा जलने के कारण बेचैनी व घबराहट आदि हो ।
- एकोनाइट 30, दिन में 4 बार
4. यदि तेज़ प्यास, कमजोरी व मृत्युभय हो ।
- आर्सेनिक एल्ब 30 दिन में 4 बार
5. यदि जख्मों में मवाद पड़ने लगे व बेहद दर्द हो ।
- हिपर सल्फ 30, दिन में 3 बार
6. यदि जख़्म सड़ने लगे ।
- साइलिशिया 30, दिन में 3 बार
7. गर्म पानी या तेल से जलने पर जब तक छाले न बनें हों ।
- अर्टिका यूरेन्स Q, और पानी 1 : 10 के अनुपात में मिला कर लगाएं
8. जलने के बाद जब बार-बार ज़ख़्म हों ।
- कॉस्टिकम 30, दिन में 3 बार
धूप या लू लगना (Sun Stroke)
गर्मी के मौसम में तेज़ धूप व गर्म हवा लगने (लू) के कारण सिर दर्द व घबराहट हो जाती है । रोगी को तेज़ बुख़ार (कभी 10५ डिग्री F से भी अधिक) हो जाता है। ऐसे में रोगी के सिर पर ठण्डे पानी की पट्टी करें (जब तक बुखार 102 डिग्री F तक न आ जाए ) पट्टियां करें। प्याज का अर्क निकाल कर दें।
1. मुख्य दवा (सिर में चक्कर बुख़ार व घबराहट)
- गलोनॉइन 6 या 30 हर आधे घंटे बाद
2. माथा तेज गर्म, आंखें लाल व तेज बुख़ार ।
- बैलाडोना 6 या 30, हर आधे घंटे बाद
3. बुख़ार तेज चुपचाप पड़े रहने की इच्छा; प्यास न लगे ।
जल्सेमियम 6 या 30, हर आधे घंटे बाद
4. गर्मी में जी घबराए व सिर दर्द बढ़े।
- नैट्रम कार्ब 6 या 30 हर आधे घंटे बाद
5. दिन में 11-12 बजे रोग ज़्यादा (सिर दर्द, बुखार) हो ।
- नेट्रम म्यूर 6 या 30 हर आधे घंटे बाद
6. लू लगने के कारण तेज बुख़ार, छाती व माथे में रक्त संचय । रोगी ठण्डा होने लगे ।
- विरेट्रम विर 3X या 6, हर 1५ मिनट बाद
गर्मियों में कच्चे आम का पन्ना व प्याज खाना लाभप्रद है। सिर व शरीर को धूप में ढक कर रखें।
मादक द्रव्यों और ख़राब भोजन के दुष्परिणाम
ज़्याद शराब पीने, अफीम, चरस, आदि लेने वाले व्यक्तियों में कई बार भिन्न-भिन्न प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं ।
1. शराब ज्यादा पीने के कारण बेहोशी ।
ओपियम 30 हर 1५-20 मिनट बाद
2. जब कोई बच्चा गलती से शराब पी ले। मिर्च मसाले ज़्यादा खाने के दुष्परिणाम ।
- नक्स वोमिका 30, हर आधे घंटे बाद
3. जब शराब पीने के कारण चेहरा लाल व तमतमाया हुआ हो
- बैलाडोना 30, 2-3 खुराक दें
4. कॉफी ज़्यादा पीने के कारण अनिद्रा; सिर दर्द, कब्ज आदि ।
- नक्स वोमिका 30 3-4 खुराक दें
5. धूम्रपान व आयरन (टॉनिक आदि) के दुष्परिणाम ।
- पल्साटिला 30 दिन में 3 बार
6. खट्टी चीज या खट्टे फल खाने के बाद रोग बढ़े।
- लैकेसिस 30 दिन में 3 बार
7. अफीम के दुष्परिणाम के लिए ।
- प्लम्बम मैट 200 रात में सोते समय दें
8. मर्करी या मर्करीयुक्त दवाओं के दुष्परिणाम ।
- हिपर सल्फ 6 या. 30, दिन में 3 बार
9. बासी या सड़ा भोजन करने के बाद रोग ।
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- आर्सेनिक एल्ब 30, हर 2 घंटे बाद
हालत खराब होने पर रोग को योग्य चिकित्सक को दिखाएं या अस्पताल ले जाएं ।
बेहोशी (Unconsciousness)
कभी-कभी अचानक घबराहट, भय, कमजोरी, या किसी सदमे से व्यक्ति बेहोश हो जाते हैं। रोगी के आस पास से भीड़ हटा दें। खुली हवा लगने दें, कपड़े ढीले कर दें। मुंह पर ठंडे पानी के छींटें दें। अगर किसी रोग की वजह से बेहोशी हुई है तो उस रोग की चिकित्सा करनी चाहिए। कैम्फर Q सुंघाने से फायदा होता है ।
1. जब बेहोशी गुस्से के बाद या मानसिक कष्ट के कारण हो ।
- कैमोमिला 200, 3 खुराक
2. जब मानसिक दुःख, प्यार में धोखा या बुरी खबर के कारण रोग हो ।
- इग्नेशिया 200 या 1M, की 3 खुराक
3. जब अचानक भय के कारण रोग हो ।
- एकोनाइट 30, 2-3 खुराक
4. अधिक स्राव (खून बहना, उल्टी, व दस्त) के कारण ।
- चाइना 30, दिन में 3-4 बार
5. डर (दुर्घटना, आदि की पुरानी याद) के कारण ।
- ओपियम 200 या 1M, 3 खुराक
6. लगातार जागने (अस्पताल में या जागरण आदि) के कारण ।
- नक्स वोमिका 30 या 200, 3-4 खुराक
7. तेज दर्द या अचानक कोई खुशी होने के कारण ।
- कॉफिया 30 या 200, 2-3 खुराक
8. ठण्ड या बर्फ गिरने के कारण ।
- कैम्फर Q की कुछ बूदें पानी में मिला कर